22.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

राजगीर का नाम राजगृह करने की मांग तेज

ऐतिहासिक नगरी राजगीर का नाम बदलकर उसके प्राचीन नाम राजगृह करने की मांग अब व्यापक जनभावनाओं के साथ जोर पकड़ने लगी है.

राजगीर. ऐतिहासिक नगरी राजगीर का नाम बदलकर उसके प्राचीन नाम राजगृह करने की मांग अब व्यापक जनभावनाओं के साथ जोर पकड़ने लगी है. नगर परिषद, राजगीर के सामान्य बोर्ड द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया जा चुका है. साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा भी इसकी आधिकारिक अनुशंसा कर दी गई है. मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा मुख्य सचिव और जिला पदाधिकारी, नालंदा से रिपोर्ट भी तलब किया गया है. इससे यह मुद्दा अब सरकार के संज्ञान में आने की ओर अग्रसर है. यह मांग कोई नया विचार नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्स्थापित करने का एक प्रयास है. प्राचीन ग्रंथों जैसे महाभारत, बौद्ध त्रिपिटक और जैन आगमों में जिस नगरी का उल्लेख ””””””””””””””””राजगृह”””””””””””””””” के रूप में है. वह आज का राजगीर ही है. यही वह भूमि है जहाँ मगध साम्राज्य के सम्राट जरासंध, बिंबिसार और अजातशत्रु ने राज्य किया है. यही वह पावन स्थल है, जहाँ भगवान बुद्ध ने धर्मचक्र प्रवर्तन किया है। यही वह पावन स्थल है, जहां ज्ञान प्राप्ति बाद पहला उपदेश तीर्थंकर महावीर ने दिया है. यही वह पावन स्थल है, जहां बौद्ध धर्मावलंबियों की पहली संगीति हुई है. त्रिपिटक की रचना इसी पावन धरती पर हुई है। यही स्थान भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की भी तपोभूमि रहा है. स्थानीय प्रशासन इस दिशा में सकारात्मक पहल कर चुका है. राजगीर स्थित गंगाजी जलाशय को ””””””””””””””””गंगाजी राजगृह जलाशय”””””””””””””””” और सर्किट हाउस को ””””””””””””””””राजगृह अतिथि गृह”””””””””””””””” नाम दिया गया है. जैन और बौद्ध धर्मावलंबी इसे राजगृह के नाम से ही संबोधित करते हैं. इससे यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि प्रशासन भी नाम परिवर्तन की ऐतिहासिक मांग को गंभीरता से ले रहा है. विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी इस नाम परिवर्तन की मांग का समर्थन किया है. उनका कहना है कि ””””””””””””””””राजगृह”””””””””””””””” नाम न केवल ऐतिहासिक न्याय है, बल्कि इससे धार्मिक पर्यटन को भी नया बल मिलेगा. यह बौद्ध, जैन, सिख, हिन्दू धर्म और इस्लाम के श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र नगरी रही है. इसकी पहचान को प्राचीन नाम के माध्यम से ही सही अर्थों में सम्मान मिल सकेगा. जनता की भावनाओं को देखते हुए अब यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार इस ऐतिहासिक मांग पर शीघ्र निर्णय लेगी. यदि मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल परिषद से स्वीकृति मिलती है, तो यह कदम बिहार की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी पहचान को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.

— इन लोगों ने किया समर्थन

बिहार राज्य नागरिक परिषद के महासचिव बिरेन्द्र कुमार सिंह, जदयू जिला अध्यक्ष मोहम्मद अशरद, विश्वशांति स्तूप के प्रमुख भिक्षु टी ओकोनेगी, वीरायतन प्रमुख देश की पहली महिला जैन आचार्य पद्मश्री आचार्य चंदना जी महाराज, श्वेताम्बर जैन कोठी प्रबंध समिति के मंत्री रंजन कुमार जैन, मुखिया कुमारी सविता, मुखिया प्रतिनिधि पंकज कुमार, पूर्व प्रखंड प्रमुख सुधीर कुमार पटेल, वरीय वार्ड पार्षद डाॅ अनिल कुमार, महेन्द्र यादव, श्यामनारायण प्रसाद, केन्द्रीय पर्यटन सलाहकार डॉ कौलेश कुमार, टमटम यूनियन अध्यक्ष अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह एवं अन्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राजगीर का नाम बदलकर ””””””””””””””””राजगृह”””””””””””””””” करने का समर्थन किया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel