हिलसा/ करायपरशुराय . झारखंड में अत्यधिक बारिश होने से लोकाइन नदी में जब से बाढ़ का पानी आई है. तब से पानी घटने का नाम नहीं ले रही है,जिससे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. मुख्य रुप से प्रखंड के गुलरिया बिगहा गांव के पश्चिम चुहौरमल बाबा समीप लोकाइन नदी का तटबंध टूटने से गुलरिया बिगहा, रसलपुर, हथिला, चौरासी, जोलविगहा, करायपरसुराय, नेसरा सहित कई गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हो गई है,जिससे सैकड़ो घरों में पानी घुस गया है और खेत में लगे फसलों का नुकसान भी हो गया. लोकाइन नदी में पानी की कमी नहीं होने का कारण पांच दिनों से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. इन गांवों के घरों में तीन से चार फीट पानी से हुई है और खंधा भी जलमग्न हो गया है. हालांकि प्रशासन बाढ़ से पीड़ित लोगों की सहायता करने में जुटी हुई है. सरकार की मदद से लोकाइन नदी की तटबंध को बांधा जा रहा है. बाढ़ पीड़ित लोगों के बीच सामुदायिक किचन लगाकर खाना दिया जा रहा है तो कहीं खाना बनाकर पहुंचा जा रहा है. रविवार को सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था चौरासी मे व्यवस्था किया गया है. अंचलाधिकारी मणिकांत ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को हर संभव चीजों की व्यवस्था कर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि टूटे हुए तटबंध को बाधने में मजदूर काम कर रही है. बहुत जल्द ही तटबंध बांध दिया जाएगा. हालांकि बाढ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के लिए राजनीतिक दलों का भी जमावड़ा लगा हुआ है. रविवार को हिलसा विधानसभा क्षेत्र के विधायक कृष्ण मुरारी शरण के अलावा, पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव, पुर्व एमएलसी राजू यादव, जिला परिषद् सदस्य अजय कुमार,इत्यादि शामिल है.
हिलसा के नए इलाकों में फैल रहा लोकायन नदी का पानी :
शनिवार को रात में जलस्तर और कम होने की संभावना जताई जा रही है. लेकिन रविवार की सुबह लोकायन नदी के जलस्तर में 4 फीट वृद्धि हुई थी. लेकिन शाम को 2 फिट पानी घट गया है. पानी अभी खतरे के निशान से नीचे है. अगर बारिश हुई तो रात में जलस्तर और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. एकगरसराय के राडील गांव छिलका के समीप पानी का बहाब और तेज हो गया है. लेकिन वहां से पानी को कंट्रोल कर के प्रयाप्त अनुसार पानी को छोड़ा जा रहा है. नदी में पानी की घटने- बढ़ते देखते हुए स्थानीय किसान व प्रशासन दोनों लोकायन नदियों के तटबंधों पर नजर बनाए हुए हैं. सीओ मो. इकबाल अहमद ने बताया की नदी में पानी का उतार- चढ़ाव हो रहा है. लेकिन अभी खतरे के निशान से नीचे है. प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. प्रशासन के द्वारा टूटे हुए तटबंध को ठीक करने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है. लेकिन अभी तक किसी भी टूटे हुए बांध को पूरी तरह से मरम्मत नहीं हो सकी है.
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