बिहारशरीफ. इस्लामपुर प्रखंड स्थित बालमत बिगहा गांव में डायरिया का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को डायरिया के 20 नए मरीज सामने आने के बाद कुल पीड़ितों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है. हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि स्थानीय देवी स्थान और पीपल के पेड़ की छांव को अस्थायी अस्पताल में तब्दील करना पड़ा. खुले आसमान के नीचे मरीजों का इलाज किया जा रहा है. पेड़ की टहनियां लाइन स्टैंड का काम कर रही हैं, खाट और जमीन बेड बन गए हैं. सिविल सर्जन डॉ. जीतेंद्र कुमार सिंह की निगरानी में मेडिकल टीम गांव में कैंप लगाकर इलाज कर रही है, लेकिन संसाधनों की भारी कमी है. एक खाट पर दो-दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है. गांव में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया है, लेकिन बीमारी का मूल कारण नल-जल योजना से दूषित पानी की आपूर्ति है. गांव में दो एंबुलेंस और जरूरी दवाओं के साथ मेडिकल टीम तैनात है. गंभीर मरीजों को इस्लामपुर अस्पताल भेजने की व्यवस्था की गई है. डायरिया से यह सभी प्रभावित मरीज :
अनार देवी (60), रिंकू देवी (28), प्रकाश केवट (65), आर्यन कुमार (5) को इस्लामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से छुट्टी दे दी गई है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सत्यम प्रकाश के अनुसार सभी को दवाएं देकर होम-आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है और उनका नियमित फॉलोअप लिया जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है