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डाटा इंट्री ऑपरेटरों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी

डाटा एंट्री ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी रही. यह हड़ताल 17 जुलाई 2025 से राज्यस्तरीय डाटा एंट्री ऑपरेटर एकता मंच के आह्वान पर शुरू हुई है.

बिहारशरीफ. डाटा एंट्री ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी रही. यह हड़ताल 17 जुलाई 2025 से राज्यस्तरीय डाटा एंट्री ऑपरेटर एकता मंच के आह्वान पर शुरू हुई है, जिसमें नालंदा समेत पूरे राज्य के ऑपरेटर शामिल हैं. इस अनिश्चितकालिन हड़ताल से सबसे अधिक जिले के सांख्यिकी विभाग का कार्य प्रभावित हुआ है. हड़ताल का सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ा है. ड्राइविंग लाइसेंस, जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमि रजिस्ट्री जैसी जरूरी सेवाएं प्रभावित हुए हैं. जिले में रोजाना हजारों लोग इन सेवाओं पर निर्भर रहते हैं, लेकिन कार्यालयों में कामकाज प्रतिकूल असर पड़ा है. हड़ताली डाटा इंट्री ऑपरेटर स्थायी नियुक्ति, वेतन पुनरीक्षण, भत्ता, सेवा वापसी और सेवानिवृत्ति लाभ समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. उनका आरोप है कि वर्षों से मांगें लंबित हैं और सरकार ने अब तक कोई ठोस पहल नहीं की. मंगलवार की शाम सरकार के स्तर पर बातचीत की कोशिश हुई. एक शिष्टमंडल जिसमें मुकेश शर्मा (कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष), रघुनंदन कुमार (महासचिव), दीपक कुमार सहित अन्य सदस्य शामिल थे. जिनको नीतीश कुमार झा के नेतृत्व में एडीएम द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ले जाया गया. वार्ता में उप सचिव से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया और मांगों को विस्तार से रखा गया. विभाग की ओर से संचिका बढ़ाने और हड़ताल खत्म करने की बात की गयी, लेकिन शिष्टमंडल ने साफ कहा कि मांगें पूरी होने तक हड़ताल नहीं रुकेगी. संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि हमारा संघर्ष अपने अधिकारों के लिए है. जब तक सरकार सभी मांगों पर निर्णय नहीं लेती, हड़ताल वापस नहीं होगी. हड़ताल को अन्य विभागों से भी समर्थन मिलने लगा है. नालंदा जिले के सांख्यिकी विभाग के रवि राज, जयंत कुमार और अरविंद ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, वे भी हड़ताल पर बने रहेंगे. सरकार के साथ बातचीत की शुरुआत तो हुई है, लेकिन समाधान अब तक नहीं निकल पाया है. यदि हड़ताल लंबी चली, तो जनता को और अधिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है. हड़तालकारियों का कहना है कि यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है और पीछे हटने का कोई सवाल नहीं.

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