बक्सर. हालांकि इस साल मानसून समय से पूर्व तो आया, मगर सावन में बारिश नहीं होने के कारण रोपनी का काम बाधित हो गया. यही वजह है कि अभी तक जिले में मात्र 35 फीसद ही धान की रोपनी हुई है. खेतों में पानी नहीं होने से किसान परेशान है. सावन माह में बारिश नहीं होने के कारण जिले में धान की रोपनी काफी पिछड़ गयी है. जबकि गत साल कम बारिश के कारण अभी तक तकरीबन 5 फीसद रोपनी का काम पूरा कर लिया गया था. हालांकि किसान निजी नलकूप व डीजल के सहारे अभी भी रोपनी कर रहे हैं. जून माह में बारिश होने के कारण किसान खुश थे कि इस साल समय से रोपनी होगा. मगर बारिश नहीं होने के कारण किसानों की परेशानियां काफी बढ़ गयी है. कृषि विभाग के अनुसार जिले में 94018.31 हजार हेक्टेयर में धान की खेती के लिये निर्धारित लक्ष्य के अनुरुप अभी तक 32915.997 हेक्टेयर में किसानों ने धान की रोपनी की है. सोन नहर व चौसा कैनाल नहर से जुड़े विभिन्न नहरों में भी पानी अंतिम टेल तक पहुंचाने के लिये जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. शत-प्रतिशत धान की रोपनी पूरा कराने के लिये प्रशासनिक अधिकारी लगे हुए हैं. सबसे अधिक रोपनी नावानगर, बक्सर, चौसा, राजपुर और इटाढ़ी प्रखंड में हुई है. राजपुर में 12695.1हेक्टेयर में व बक्सर में 2039.697 हेक्टेयर में, इटाढ़ी में 4309.5 हेक्टेयर में धान रोपनी का काम पूरा कर लिया गया है. वही कई प्रखंडों में तो धानरोपनी का काम उम्मीद के मुताबिक काफी कम हुआ है. बारिश के इंतजार में किसान परेशान हैं.
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