22.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Buxar News: जिले में पांच साल में 4,188 वाहनों का फिटनेस फेल, भेजा जायेगा नोटिस

जिले में आये दिन सड़क दुर्घटना होता रहता है. इसका एक मुख्य कारण यह भी समय समय पर वाहनों का फिटनेस चैक न होना.

बक्सर

. जिले में आये दिन सड़क दुर्घटना होता रहता है. इसका एक मुख्य कारण यह भी समय समय पर वाहनों का फिटनेस चैक न होना. परिवहन विभाग के जानकारी के अनुसार जिले में बीते लगभग पांच वर्षों में 83138 नये वाहनों का पंजीकरण हुआ है. एक नये वाहन का पंजीकरण करने के लिए परिवहन विभाग में होड़ लगी हुई.

तो वही दूसरी तरफ भारी संख्या में वाहन का फिटनेस फेल है जो कि सड़कों पर दौड़ रही है. 4188 वाहन हुए फिटनेस टेस्ट में फेल जिसमें ई-रिक्शा सबसे ज्यादा फेल, बसें सबसे कम परिवहन विभाग सख्त, अब भेजेगा नोटिस और लगायेगा जुर्माना. जिले में सड़क परिवहन और यातायात सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग ने एक व्यापक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें 2020 से 2025 तक के आंकड़े शामिल हैं. इस पांच वर्षीय आंकड़े से स्पष्ट होता है कि जिले में मोटर वाहन पंजीकरण की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. इसी अवधि में फिटनेस टेस्ट में असफल होने वाले वाहनों की संख्या भी चौंकाने वाली है. 83 हजार से अधिक नये वाहन पंजीकृत : परिवहन विभाग के अनुसार, वर्ष 2020 से लेकर जून 2025 तक जिले में कुल 83,138 नए वाहनों का पंजीकरण किया गया. इनमें दुपहिया वाहन, तिपहिया ई-रिक्शा, चार पहिया कार ट्रक, बसें, टैक्सियां, और कृषि यंत्र आदि शामिल हैं. बढ़ती जनसंख्या, आर्थिक समृद्धि, ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन की पहुंच और डिजिटलीकरण की वजह से जिले में वाहन पंजीकरण में तीव्र वृद्धि देखी गई है. साल 2020 में 13589 वाहनों का हुआ है पंजीकरण, 2021 में 13105 वाहनों का हुआ पंजीकरण, 2022 में 12859 वाहनों का हुआ पंजीकरण, 2023 में 16074 वाहनों का हुआ पंजीकरण, 2024 में 17904 वाहनों का पंजीकरण तो वही 2025 में अब तक 9607 वाहनों का पंजीकरण. पंजीकरण की श्रेणियों में दुपहिया वाहन सबसे आगे विभागीय सूत्रों की मानें तो सबसे ज्यादा पंजीकरण दुपहिया वाहनों का हुआ है.इसके बाद ई-रिक्शा, कार और लोडिंग वाहन क्रमशः पंजीकरण सूची में शामिल हैं.शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी अब लोग निजी वाहन रखना जरूरी समझ रहे हैं. फिटनेस टेस्ट में फेल हैं 4188 वाहनहालांकि वाहन पंजीकरण की संख्या राहत देने वाली है, लेकिन फिटनेस टेस्ट में फेल होने वाले वाहनों की संख्या भी कम नहीं है.वर्ष 2020 से अब तक कुल 4188 वाहन फिटनेस जांच में फेल हुए हैं.यह आंकड़ा न सिर्फ सड़क सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक है, बल्कि इससे वायु प्रदूषण और दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ती है. यातायात और पर्यावरण की दृष्टि से अहम कदम : फिटनेस जांच के माध्यम से ना केवल सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, बल्कि वातावरण संरक्षण में भी यह कदम बेहद अहम माना जाता है. खराब स्थिति में चलने वाले वाहन वायु में खतरनाक गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जिससे शहर में प्रदूषण स्तर बढ़ता है. परिवहन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वाहन मालिकों को डाक और एसएमएस दोनों माध्यम से नोटिस भेजे जाएंगे.इसके साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म परिवहन सारथी पोर्टल और एम-परिवहन ऐप पर भी नोटिस और जुर्माना दिखाई देगा.वाहन मालिकों को निर्धारित अवधि में फिटनेस सुधारकर वाहन दोबारा निरीक्षण के लिए प्रस्तुत करना होगा. जिले में वाहनों की संख्या और नागरिकों की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है.लेकिन इसके साथ ही सड़क सुरक्षा, पर्यावरण और तकनीकी फिटनेस की अनदेखी चिंता का विषय बन रही है.परिवहन विभाग की नई रणनीति और कार्रवाई से उम्मीद की जा रही है कि वाहन मालिक अब समय पर फिटनेस जांच करवाएंगे और नियमों का पालन करेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel