बक्सर. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण, खेल विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आगामी जिला स्तरीय मशाल खेल प्रतियोगिता के सफल आयोजन को लेकर समग्र शिक्षा कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा मो शारिक अशरफ ने की. बैठक में राज्य स्तर पर प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनरों ने भाग लिया और प्रतियोगिता के सफल संचालन के लिए आवश्यक बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी.
खासतौर पर खेल आयोजन स्थल का चयन, आवश्यक खेल सामग्री की उपलब्धता तथा खेलों की तिथि-वार सूची को अंतिम रूप देने पर विशेष विचार-विमर्श किया गया. ज्ञात हो कि जिला स्तरीय मशाल खेल प्रतियोगिता का आयोजन 8 अगस्त से 13 अगस्त तक प्रस्तावित है. इसे सफल, अनुशासित एवं भव्य रूप से आयोजित करने हेतु यह बैठक पूर्व तैयारियों के तहत बुलाई गई. इस अवसर पर 11 प्रखंडों से चयनित 77-77 खिलाड़ी जिला में भाग लेंगे. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि इस प्रतियोगिता को बेहतर करने के लिए अनुशासन, टीम भावना और नेतृत्व विकास होनी चाहिए. संभाग प्रभारी डॉ. तेज बहादुर सिंह ने बताया कि खेल में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, प्रतिद्वंदिता नहीं. श्री सिंह ने कहा कि कुल 77 प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन कर राज्य में खेलने हेतु भेजा जाएगा. खेल में हार से निराशा नहीं होनी चाहिए. शिक्षकों एवं अभिभावकों से अनुरोध किया गया कि सभी बच्चों का मनोबल बढ़ते रहे ताकि अगले वर्ष ये भी बच्चे सफल हो सके एवं राज्य में अव्वल स्थान प्राप्त करें. इस अवसर पर शारीरिक शिक्षक अशोक कुमार, सुरेन्द्र कृष्ण, सत्येंद्र कुमार, अभिषेक सिंह, अश्विनी राय, मो. मुस्लिम, सुनील सिंह, राकेश रंजन उपाध्याय आदि ने अपनी अहम भूमिका निभाई. बैठक के अंत में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मो. शारिक अशरफ ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि खेल से मस्तिष्क स्वस्थ्य रहता है और स्वस्थ्य मस्तिष्क बेहतर शिक्षा का मार्ग प्रसस्त करता है.संकुल स्तरीय खेल में कुल 147 संकुल संसाधन केंद्रों पर हुई थी प्रतियोगिता :
बिहार सरकार द्वारा प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री की महत्त्वाकांक्षी योजना मशाल खेल प्रतियोगिता के अंतर्गत बक्सर जिले में 22 से 24 मई 2024 तक संकुल स्तरीय मशाल खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. यह आयोजन पूरे जिले के 11 प्रखंडों के अंतर्गत 147 संकुल संसाधन केन्द्रों (सीआरसी) पर भव्य और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हो रहा है. मशाल खेल का उद्देश्य विद्यालय स्तर पर छिपी खेल प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है. इस खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सीआरसी संचालकों और समन्वयकों द्वारा पारंपरिक मशाल प्रज्वलन के साथ किया गया. मशाल का जलना खेल भावना, ऊर्जा, समर्पण और अनुशासन का प्रतीक बन गया. प्रतियोगिता में कबड्डी, एथलेटिक्स, फुटबॉल एवं वॉलीबॉल जैसी प्रमुख खेल विधाओं में मुकाबले आयोजित किए गए. जिनमें अंडर-14 और अंडर-16 आयु वर्ग के छात्र एवं छात्राओं ने बड़े जोश और उत्साह के साथ भाग लिया. इस अवसर पर बिहार राज्य खेल प्रतिभा खोज योजना के अंतर्गत विद्यालय स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान को भी सराहा गया.
मशाल खेल प्रतियोगिता ने विद्यालयों को एक ऐसा मंच प्रदान किया, जहां ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर सके. इससे न केवल विद्यार्थियों में आत्मविश्वास का विकास हुआ, बल्कि खेल को करियर के रूप में देखने की दिशा भी मिली. कार्यक्रम की सफलता में सीआरसी संचालकों एवं समन्वयकों की भूमिका उल्लेखनीय रही. उन्होंने आयोजन की समस्त रूपरेखा, प्रबंधन और समन्वय को सशक्त रूप से संभाला. यह प्रतियोगिता न केवल एक खेल आयोजन है, बल्कि यह मुख्यमंत्री द्वारा खेलों को बढ़ावा देने की दूरदर्शी सोच का परिणाम है. इससे राज्य के कोने-कोने से उभरती प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा. विद्यालय स्तर से आरंभ होकर प्रखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक जाने वाली यह योजना बिहार के खेल परिदृश्य को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगी. मशाल खेल प्रतियोगिता आज एक आंदोलन का रूप ले चुकी है, जो शिक्षा और खेल के समन्वय का आदर्श उदाहरण बनकर उभरी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है