बक्सर . मुंडन संस्कार को लेकर यहां के पौराणिक महत्व वाला रामरेखाट श्रद्धालुओं से पट गया. अपने बच्चों को संस्कारित करने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंचे हुए थे. सोमवार को पूरे दिन मुंडन का मंगल मुहूर्त होने के कारण विभिन्न वाहनों पर सवार होकर श्रद्धालु सुबह से ही पहुंचने लगे थे. गर्मी व प्रतिकूल मौसम के बावजूद उनके आने-जाने का सिलसिला दोपहर बाद तक जारी रहा. नाते-रिश्तेदारों व सगे-संबंधियों के साथ सुदूरवर्ती इलाके से कोई चार पहिया वाहन से तो कोई बस अथवा ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंच रहा था. उत्साहित महिलाएं मंगल गीत गा रही थीं. संस्कार गीतों के बीच आचार्यों के निर्देशन में परंपरागत तरीके से मुंडन की रस्म निभाई जा रही थी. इससे गंगा घाट पर चहल-पहल बढ़ गया था. गंगा घाट पर पहुंचने के बाद नाई से बच्चों के बाल मुंडन कराए गए. मुंडन के बाद बच्चों के स्नान कराए गए और माताओं द्वारा आचार्यों के निर्देशन में वैदिक विधि-विधान के साथ गंगा पूजन किए गए. पूजन आदि की रस्म के बाद सगे-संबंधियों के साथ माताएं बच्चों को लेकर नावों से गंगा के उस पार गईं. वहां नाव से तट पर उतरक गंगा मइया की पूजन-अर्चन किए गए, तत्पश्चात नाव पर सवार होकर रामरेखाघाट पर लौटने के बाद प्रसाद ग्रहण किए गए.
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