नावानगर
. ज्ञानी व्यक्ति वही है जो हर समय हर अवस्था में विनम्र रहे. और सब कुछ जानते हुए भी अपने आप को छोटा समझे.हनुमान जी कभी भी विश्राम नहीं करते. राम जी के कार्यो में, जबकि राम जी भगवान थे फिर भी वो कहते हैं कि मैं रावण का वध किया, सुग्रीव से मित्रता भी हुई और इतने भालू बंदरों की सेना से मुझे भेंट हुआ. केवल मेरे परम भक्त हनुमान जी के कारण. भगवान अगर जाति धर्म देखते और भेदभाव करते तो आज बंदरों और भालुओं से प्रेम नहीं करते, उन्होंने अपना नहीं बनाते.उक्त बातें भरौली में प्रवचन के दौरान किशोरी प्रज्ञा पाण्डेय अयोध्या धाम द्वारा कथा के दौरान कही. उन्होंने आगे कहा की भगवान कभी भी जात-पात, धर्म, अमीरी गरीबी नहीं देखते हैं. वह केवल मन को निर्मल होना उसमें अपने प्रति भक्ति और प्रेम होना. लेकिन हम इंसान ही भेदभाव करते हैं पर भगवान के नजर में सब एक समान है.इस तरह कई मार्मिक बातें कहीं. कथा सुनने तथा मंडप परिक्रमा करने के लिए श्रद्धालु श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही है. आचार्य पंडितों के द्वारा समय-समय पर विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजनोत्सव कार्यक्रम चल रहा है.महायज्ञ तांत्रिक विजय कुमार मिश्र के सानिध्य में चल रहा है. जिसमें समस्त ग्रामीणों एवं क्षेत्र वासियों का सहयोग बढ़ चढ़कर है. यज्ञ का समापन 13 जून शुक्रवार को पूर्णाहुति एवं भंडारे के साथ होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है