बक्सर. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर गुरुवार को संयुक्त श्रम भवन बक्सर में श्रम संसाधन कार्यालय, बक्सर द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन डीएम डॉ विद्यानंद सिंह ने किया. श्रम अधीक्षक के दवारा बाल श्रम कराना दण्डनीय प्रावधान है. पकड़े जाने पर नियोजक कार्य करवाने वाले को बीस हजार रुपये से पचास हजार रुपये तक का जुर्माना एवं 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा अथवा दोनों हो सकता है. अपराध पुनरावृत्ति करने पर एक वर्ष से तीन वर्षों तक का कारावास हो सकता है. सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार दोषी नियोजकों के द्वारा बीस हजार रुपये बाल पुनर्वास सह कल्याण कोष में देय होगा, अन्यथा सर्टिफिकेट केस दायर कर यह रकम वसूली जायेगी. बाल एवं किशोर श्रम प्र एवं वि अधिनियम 1986 के अंतर्गत विमुक्त किशोर श्रमिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से पचीस हजार का आर्थिक पुनर्वास किया जायेगा. डीएम ने कहा कि किसी भी प्रतिष्ठान पर बाल श्रमिक पाये जाते हैं, तो दोषी नियोजकों पर कठोर कार्रवाई की जायेगी. वही कहा कि समय समय पर बाल श्रम नियोजकों के विरुद्ध छापेमारी कर नियोजकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाती है. बाल श्रम दिखने पर तस्वीर एवं पते के साथ वाट्सअप करें 9471229133 अथवा टोल फ्री नं 1800-2965-656 पर सूचित करें. श्रम अधीक्षक बक्सर, जिला नियोजन पदाधिकारी बक्सर, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी एवं एनजीओ शामिल रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है