डुमरांव.
इन दिनों इलाके के किसान धान की खेती की शुरुआत को लेकर काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि जब खेती में पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी तो खेती की शुरुआत कैसे होगी, वहीं प्रखंड में धान की खेती की जानकारी देते हुए कृषि समन्यवक राजीव रंजन ने बताया कि इस बार डुमरांव प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में 12650 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है. जबकि किसानों का कहना है कि कुछ किसान अपने कड़ी मेहनत से समरसेबल से खेतों में पटवन कर धान का बीज खेतों में डाले हैं जिन्हें पानी की समस्या से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या को लेकर किसान नेता संतोष दूबे ने बताया कि सोमवार को सिकरौल-डुमरांव रजवाहा में घुटने से नीचे पानी आया है उन्होंने बताया कि यह पानी मोरी से अभी नीचे है खेतों तक नहीं पहुंचेगा, जिसे देखकर किसान चिंतित हैं, उन्होंने बताया कि इस तरह से नहर में पानी आना किसानों के लिए मजाक उड़ाने जैसा लगता है, जब भरपूर मात्रा में नहर में पानी नहीं छोड़ा गया. तो अंतिम छोर तक के किसानों के खेतों तक पानी कैसे पहुंचेगा, जब खेतों तक पानी पहुंच जाएगा तब जाकर किसानों को खेतों में धान का बीज डालना आसान होगा, परंतु इस तरह से घुटने से नीचे और मोरी तक पानी नहीं पहुंचेगा तब तक पानी आने से किसानों को कोई लाभ नहीं मिलेगा, हालांकि अभी किसानों को उम्मीद है कि एक दो दिनों में शायद पानी का लेवल और बढ़ जाए और मोरी तक पानी चला जाए, जिससे खेतों में बीज डालने का काम शुरू हो सके. वहीं दूसरी ओर अभी तक कोरानसराय-डुमरांव रजवाहा में भी पानी नहीं आने से किसान काफी परेशान हैं, किसानों का कहना है कि समय से अगर रजवाहा में पानी आ जाता तो काफी राहत मिलती, लेकिन अभी तक कोरानसराय-डुमरांव रजवाहा में कोरानसराय तक पानी नहीं आने से अंतिम छोर के किसान पानी आने का इंतजार कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है