बक्सर
. जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्यों का जायजा लेने के लिए पटना से आयी राज्य स्तरीय टीम ने शुक्रवार को बक्सर का दौरा किया. राज्य स्तरीय टीम में राज्य फाइलेरिया विभाग के राज्य सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत, विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के डिप्टी स्टेट मैनेजर रंजीत कुमार व स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर मीडिया नवनीत सिन्हा शामिल थे. टीम के सदस्यों ने जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार की अगुवाई में सदर प्रखंड अंतर्गत पांडेय पट्टी स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया. तत्पश्चात सदर प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में प्रेसवार्ता राज्यस्तरीय टीम के द्धारा किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. शैलेंद्र कुमार ने पौधा भेंट करते हुए सभी आगत अधिकारियों व पार्टनर संस्था के अधिकारियों का स्वागत किया. जिसके बाद राज्य सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत ने बताया कि बिहार सरकार और बिहार स्वास्थ्य समिति फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. केंद्र सरकार की ओर दिए गए लक्ष्य के अनुसार 2027 में हमें बिहार को फाइलेरिया से मुक्त कराना है. जिसमें समाज के साथ साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भरपूर सहयोग अपेक्षित है. राज्य सरकार ने बिहार के सभी जिलों में एक साथ सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीएम) शुरू करने जा रही है. पूर्व के समय राज्य में दो चरणों में एडीएम राउंड चलाए जाते थे. इसका पहला चरण 10 फरवरी को शुरू होता था, जिसमें राज्य के 24 जिलों में दवाओं का सेवन कराया जाता था. वहीं, 10 अगस्त को दूसरे चरण के तहत शेष बचे जिलों में एमडीए राउंड चलाया जाता था. लेकिन, राज्य सरकार के लिए गए निर्णयों के अनुसार आगामी 10 फरवरी को राज्य के सभी जिलों में एक साथ एमडीए राउंड शुरू किया जाएगा. एमडीए राउंड के दौरान शहरी क्षेत्र में 17 दिनों तक लगातार बूथों का होता है संचालन : बैठक में एमडीए राउंड के दौरान आने वाली परेशानियों से पत्रकारों ने टीम के सदस्यों को अवगत कराया. जिस पर डॉ. अनुज सिंह रावत ने उन्हें बताया कि एमडीए राउंड के दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में दवाओं का सेवन कराने के लिए आशा कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं के अलावा वोलेंटियर्स को जिम्मेदारी दी जाती है. लेकिन, शहरी क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं की कमी के कारण इसकी जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं व वोलेंटियर्स को दी जाती है. ऐसे में लोगों को दवाओं का सेवन कराया जा सके, इसके लिए शहरी क्षेत्र में एमडीए राउंड के दौरान 17 दिनों तक लगातार बूथ लगाए जाते हैं. साथ ही, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और महत्वपूर्ण चौक चौराहों पर भी बूथों का संचालन किया जाता है. हालांकि, लोगों को बूथों की जानकारी हो और वो दवाओं का सेवन करने के लिए वहां पहुंचे, इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाएगा.फाइलेरिया के परजीवी को खत्म करने की कर रहे हैं कोशिश : विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल को-ऑर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि हम फाइलेरिया के प्रसार को रोकने और माइक्रो फाइलेरिया (परजीवी) को खत्म करने के लिए एमडीए राउंड चला रहे हैं. ऐसे में लोगों को यह समझना होगा कि सरकार की ओर चलाए जाने वाले एमडीए राउंड में फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना, हम सबकी जिम्मेदारी बन जाती है. यदि पांच साल तक लगातार कोई भी व्यक्ति साल में एक बार दवाओं का सेवन करें तो वो फाइलेरिया के प्रकोप से पूरी तरह से बच सकता है. इसलिए मीडिया आगे आकर समुदाय में लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी लें. सभी लोगों तक यह संदेश पहुंचाएं कि फाइलेरिया रोधी दवाएं उनके और उनके बच्चों के लिए कितना फायदेमंद होता है.
लोगों को बताएं, हर सूजन हाथीपांव नहीं : इस दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने पत्रकारों को बताया कि लोगों में फाइलेरिया (हाथीपांव) के लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए. लोगों को मालूम होना चाहिए कि हर सूजन हाथीपांव नहीं होता है. हालांकि हाथीपांव व एमडीए राउंड को लेकर अभी भी समाज और समुदाय में लोगों के बीच भ्रांतियां मौजूद है. इसके लिए मीडिया लोगों को फाइलेरिया और उसके दुष्प्रभाव के साथ फाइलेरिया रोधी दवाओं की महत्ता समझाए. ताकि, लोगों में जागरूकता बढ़े. बैठक का समापन सीएफएआर के डिप्टी स्टेट मैनेजर ने पत्रकारों का धन्यवाद ज्ञापन कर किया. मौके पर सदर प्रखंड के बीएचएम प्रिंस कुमार सिंह, बीएमएनई रवि श्रीवास्तव, बीईई मनोज चौधरी, पीएमडब्ल्यू नागेश दत्त पांडेय, डाटा ऑपरेटर चंदन कुमार, सीएफएआर के जिला प्रतिनिधि आशीष पांडेय व अमित सिंह समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है