डुमरांव
. डुमरांव नगर परिषद द्वारा सफाई एजेंसी का उदासीन एवं लापरवाह रवैया लंबे समय से चला आ रहा है. जहां इर्द के मौके पर भी सफाई व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम दिखी. जबकि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार इर्द पर्व को देखते हुए स्वयं धरातल पर सफाई व्यवस्था का ज्याजा लेते दिखें. इसके बावजूद नगर के विभिन्न जगहों पर कूड़े का अम्बार लगा रहा तो वही नाले में भी गंदे दिखें जो की सफाई एजेंसी को सवालों के घेरे में लाने के लिए व्याप्त है. बताते चलें कि लाखों खर्च के बावजूद भी डुमराँव नगर का सफाई व्यवस्था सुधरने के बजाय और स्थिति बदतर होती जा रही है. जबकि डुमरांव में कुल 35 वार्ड सफाई के लिए राशि 45 लाख से बढ़ाकर अब 90 लाख कर दी गई है. जिससे सफाई व्यवस्था सुदृढ़ होने की उम्मीद जताई गई थी परन्तु ऐसा नहीं हुआ. जबकि डुमरांव में कुल 35 वार्ड सफाई के लिए राशि 45 लाख से बढ़ाकर अब 90 लाख कर दी गई है. जिससे सफाई व्यवस्था सुदृढ़ होने की उम्मीद जताई गई थी परन्तु ऐसा नहीं हुआ.सफाई के लिए बेहतर पैसा तो बढ़ा दिया गया लेकिन सफाई की व्यस्था ज्यों का त्यों बना हुआ है. बताते चलें की सफाई एजेंसी द्वारा घनी आबादी वाला सड़क के बीचों-बीच और रैयती जमीन पर भी कूड़ा डंप कर आग भी लगा दिया जाता है. जिससे की वायु प्रदूषित होने के कारण शहर बिमारियों के चपेट में आने से खतरा बढ़ते चला जा रहा है. जिसकी गमभीरता को देखते हुए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने सफाई एजेंसी पर स्पष्टीकरण करते हुए तय समय-समय सीमा के अंदर एकरनामा रद्द व एजेंसी को काली सूची में डालने के लिए दिया आदेश दिया है.फिर भी पुनः दूसरी बार कार्यपालक पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण करते हुए अर्थ दंड के रूप भुगतान के समय राशि से कटौती को स्पष्टीकरण किया था. लेकिन सफाई एजेंसी ने कार्यपालक पदाधिकारी के किसी भी स्पष्टीकरण का जवाब देना उचित नहीं समझा और नाही नगर परिषद द्वारा एजेंसी पर अब तक कोई करवाई किया गया जो की नगर में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है