डुमरांव
. टूड़ीगंज से चौगाई को जोड़ने वाली मुख्य सड़क इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है. यह सड़क न केवल कई गांवों की जीवनरेखा मानी जाती है, बल्कि यह टूड़ीगंज रेलवे स्टेशन से लेकर पटना-बक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 922) को भी आपस में जोड़ती है. लेकिन वर्षों से उपेक्षा की मार झेल रही यह सड़क अब गहरे गड्ढों और जलजमाव की समस्या के कारण ग्रामीणों के लिए आफत बन गई है. शनिवार को हुई तेज बारिश ने इस मार्ग की बदहाली को और उजागर कर दिया. पहले से ही गड्ढों से छलनी सड़क पर अब बारिश का पानी भर जाने से स्थिति और भयावह हो गई है. नोनियापुरा से टूड़ीगंज स्टेशन तक सड़क जगह-जगह से टूट चुकी है. गड्ढों में पानी भरने के कारण न केवल राहगीरों को परेशानी हो रही है, बल्कि दुर्घटनाओं का भी डर बना हुआ है. हर कदम पर खतरा, हर मोड़ पर परेशानी : सड़क की जर्जर स्थिति के कारण दोपहिया वाहन चालक, ई-रिक्शा चलाने वाले, साइकिल सवार और पैदल चलने वाले लोग सबसे अधिक परेशान हैं. गड्ढों में छिपा पानी एक झांसा बन चुका है, जो राहगीरों को कब गिरा दें, कोई भरोसा नहीं. कई बार लोग गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं. स्कूली बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग इस मार्ग पर चलने से डरते हैं. ग्रामीणों की व्यथा : न सरकार सुनती है, न जनप्रतिनिधि : स्थानीय निवासी संजीव कुमार का कहना है यह सड़क हमारे गांवों की जीवनरेखा है. यही रास्ता हमें स्कूल, बाजार और रेलवे स्टेशन तक पहुंचाता है, लेकिन वर्षों से इसकी मरम्मत तक नहीं की गई. बारिश के मौसम में हालत इतनी खराब हो जा रही है कि बच्चों को स्कूल भेजने से भी डर लग रहा है. पाण्डेयपुर, नावाडीह, अरियाव, चौगाई जैसे दर्जनों गांवों के लोग इसी रास्ते से रोजाना गुजरते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश हो जाने से साइकिल या बाइक चलाना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. जलजमाव से गंदगी फैल रही है, जिससे संक्रमण और मच्छरों का खतरा भी बढ़ गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है