बक्सर. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को नगरों की स्वच्छता रैंकिग जारी किया है. इसमें बक्सर को बिहार में 76वां रैंक प्राप्त हुआ है. स्वच्छता सर्वे की रैंकिग जारी को देखते हुए बक्सर नगर परिषद की स्वच्छता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है. पिछले वर्ष की तुलना में बक्सर की स्वच्छता काफी निराशाजनक कायम हो गई है. हालांकि पिछले वर्ष बक्सर नगर परिषद को सूबे में तीसरा रैंक प्राप्त हुआ था. पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बक्सर बिहार में स्वच्छता के मायने में 73 रैंक फिसल कर 76वां रैंक पर पहुंंच गया है. वहीं राष्ट्रीय रैंकिंग में बक्सर नगर परिषद 299वां स्थान की जगह 712वां स्थान प्राप्त किया गया है. रैंकिंग में कुल 820 नगर परिषद शामिल थे. मालूम हो कि के स्वच्छता सर्वेक्षण में बिहार में तीसरा स्थान प्राप्त किया था. जिसके बाद राज्य स्तर पर प्रथम बनने को लेकर प्रयास शुरू हुआ. लेकिन अधिकारी के तबादले के बाद स्वच्छता की बक्सर नगर परिषद की हवा निकल गई. नगर की साफ-सफाई की बजट में लगभग एक ही बार में 50 प्रतिशत की बढ़ाेतरी भी की गई. लेकिन नगर की स्वच्छता की हवा निकल गई. जिसके बाद जिला राज्य स्तर पर तीसरा से पिछले पायदान 76वां स्थान पर एक ही बार में पहुंच गया. तत्कालीन समय में बक्सर नगर परिषद ईओ रही प्रेम स्वरूपम के बाद नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारियों ने अपनी जेब भरने के चक्कर में नगर की स्वच्छता को तार-तार कर दिया. जिसके कारण नगर स्वच्छता के मामले में फिसड्डी साबित हो गया है.
मूल्यांकन को लेकर मापदंड है मूल्यांकन
हालांकि नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार हुआ है. जिसके बाद वार्डों की संख्या बढ़कर 42 हो गई. शहरों में स्वच्छता का मूल्यांकन कई मापदंडों के आधार पर तय होता है. इन मापदंडों में सबसे अधिक अंक स्वच्छ जल और शौचालय की सुलभता को दिए जाते हैं. खुले में शौच से मुक्ति, एकीकृत कचरा प्रबंधन, डोर टू डोर संग्रह, सफाई, सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय की स्थिति और व्यक्तिगत शौचालय की संख्या समेत अन्य चीजों को सर्वे में शामिल किया जाता है. भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत स्वच्छता के मामले में शामिल शहरों के जैसा ही अन्य शहरों को स्वच्छ बनाने के सपने के साथ की है. प्रतिवर्ष स्वच्छ भारत मिशन के तहत बक्सर नगर परिषद को गंदगी से मुक्त कराने और नियमित कूड़ा उठाने, सफाई कराने व डोर टू डोर कचरा उठाव व्यवस्था पर एक करोड़ 16 लाख रूपये प्रतिमाह खर्च किये जा रहे है. सच्चाई यह है कि पिछले साल 2024 में बक्सर नगर परिषद की धरातल पर स्वच्छता शून्य के बराबर है.
नगर की स्वच्छता पर हो रहा है 1 करोड़ 16 लाख रूपये
नगर परिषद की स्वच्छता को लेकर पूर्व के बजट को 50 प्रतिशत वृद्धि के बावजूद रैंकिंग में पिछले पायदान पर पहुंच गया है. जबकि वर्ष 2024 के पूर्व नगर की सफाई पर प्रतिमाह 84 लाख रूपये प्रतिमाह खर्च किया जाता था. लेकिन स्वच्छता की राशि को कम करार देते हुए एक साथ लगभग 50 प्रतिशित की वृद्धि करते हुए 1 करोड़ 16 लाख रूपये कर दिया गया है. इसके बावजूद नगर की स्वच्छता प्रभावित हो गया है. नगर की स्वच्छता की बजाय नगर परिषद के अधिकारियों ने अपनी आर्थिक स्वस्थता पर ज्यादा ध्यान दिया है. जिसके कारण अचानक एक साथ 73 रैंक फिलकर 76वां पायदान पर पहुंच गया है. पूर्व में नगर परिषद के ईओ रही प्रेम स्वरूपम ने प्रतिदिन नगर की स्वच्छता को लेकर सुबह में ही औचक निरीक्षण करती थी. जिसके भय से नगर की स्वच्छता हमेशा बरकरार रहा. जिससे नगर राज्य स्तरीय रैंकिंग में तीसरा स्थान प्राप्त किया. इनके बाद नगर परिषद का पदभार संभालने वाले कार्यपालक पदाधिकारी केवल अपनी जेब भरने तक ही सीमित रहे.
इस प्रकार है जिले को प्राप्त अंक
डोर टू डोर उठाव के मामले में 54 प्रतिशत, कचरा पृथ्थकीकरण कार्य में 27 प्रतिशत, वेस्ट प्रोसेस में शून्य प्रतिशत, डंप साइट रिमीडेशन शून्य प्रतिशत, आवासीय क्षेत्र की सफाई शत प्रतिशत, मार्केट की सफाई शत प्रतिशत, वाटर बॉडी 83 प्रतिशत एवं पब्लिक टॉयलेट 25 प्रतिशत सफाई कराई गई है.
कहते है नगर परिषद के स्वच्छता पदाधिकारी
वेस्ट प्रोसेसिंग के मामले में शून्य प्रतिशत मार्किंग होने के कारण निगेटिव मार्किंग किया गया है. जिससे रैंकिंग प्रभावित हो गया है. इसमें इस साल प्रोसेसिंग यूनिट को लेकर जमीन मिल गया है. जहां यूनिट लगाया जाएगा. इसके साथ ही पुरानी सफाई एजेंसी को रिन्युवल किया गया था. जिससे भी प्रभावित हुआ. वहीं नगर में सीटीपीट 300 की संख्या में तथा नगर में 150 की संख्या में यूरिनल लगाया जाएगा. इसके साथ ही कमियों को इस साल दुरूस्त शीघ्र ही कर लिया जाएगा. जिससे रैंकिंग में सुधार हो सके. रवि कुमार सिंह स्वच्छता अधिकारी नगर परिषद बक्सर
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है