बक्सर
. जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक समाहरणालय परिसर अवस्थित कार्यालय कक्ष में की गई. जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में विभाग द्वारा समेकित मुर्गी विकास योजना अंतर्गत 3000 क्षमता का ब्रायलर मुर्गी फार्म एवं 5000 एवं 10,000 क्षमता का लेयर मुर्गी फर्म योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. साथ ही वर्तमान में विभाग द्वारा समेकित बकरी एवं भेड विकास योजना अन्तर्गत 20 बकरी 01 बकरा, 40 बकरी 02 बकरा एवं 100 बकरी 05 बकरा क्षमता का योजना क्रियान्वयन किया जा रहा है. बैठक में जिला पशुपालन पदाधिकारी बक्सर को निर्देश दिया गया कि सभी भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी की उपस्थिति एवं उनके द्वारा किए गए कार्यों यथा पशुओं का ईलाज, परामर्श आदि की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रतिदिन समीक्षा करते हुए समेकित प्रतिवेदन उपलब्ध कराएंगे. राज्य के पशुपालक निर्धारित अवधि में टॉल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर अथवा मोबाइल ऐप के माध्यम से पशु चिकित्सा हेतु संपर्क कर सकते हैं. मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की उपलब्धता के अनुसार पशुपालकों के घर पर पशु चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. पशुओं के इलाज के लिए एवं विभागीय योजनाओं का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार कराते हुए प्रखंड में कैम्प लगाकर विभागीय लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया. वही वितीय वर्ष 2024-25 के विभिन्न योजनाओं राष्ट्रीय पशुधन मिशन, टीकाकरण में असंतोषजनक प्रगति रहने पर जिला पशुपालन पदाधिकारी बक्सर से स्पष्टीकरण करते हुए वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया गया. मत्स्य संसाधन विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं यथा मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना, राहत-सह-बचत योजना, मछुआरों को क्रेडिट कार्ड योजना, मछली पालन योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, तालाबों का निर्माण एवं साफ सफाई आदि में शत प्रतिशत प्रगति नहीं होने के कारण जिला मत्स्य पदाधिकारी से स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया. जिला गव्य विकास पदाधिकारी बक्सर के लगातार अनुपस्थित रहने के कारण स्पष्टीकरण करते हुए इसकी सूचना पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को देने का निर्देश दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है