बक्सर. उमसभरी गर्मी का कहर जहां लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर बिजली व्यवस्था की बदहाली ने आम जनता की परेशानियों को और भी बढ़ा दिया है. तेज धूप और तापमान में लगातार वृद्धि के बीच बिजली की लो वोल्टेज की समस्या लोगों की नींद उड़ा रही है. जिले के अधिकांश शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. लो वोल्टेज, बार-बार ट्रिपिंग, केवल और तारों में आग लगने, हाई टेंशन लाइन में फाल्ट जैसी समस्याएं आम हो गयी हैं. शनिवार को प्रभात खबर कि टिम जब बक्सर फ्यूज कॉल सेंटर में पहुंची तो पता चला कि प्रतिदिन सौ से अधिक शिकायत केवल शहर से आता है. जिसमें सबसे अधिक लो वोल्टेज कि समस्या आता है. जबकि विभागीय सूत्रों को माने तो 2022 से आज विधुत विभाग के द्वारा जिले के बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च किया है. लेकिन जब उमसभरी गर्मी शुरू हुआ तो बिजली व्यवस्था का पोल खुलने शुरू हो गये. आऐ दिन लगभग पूरे जिले में एक हजार से अधिक शिकायत विभाग को प्राप्त होता है. बक्सर दादा नगर निवासी खुशबू अनूप तिवारी का कहना है कि बिजली विभाग की ओर से साल भर मेंटेनेंस कार्यों का दावा तो किया गया था, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि प्रतिदिन सौ से अधिक स्थानों पर फेज फेल, केबल में फाल्ट, ट्रांसफार्मर फुंकना, और हाई टेंशन तारों में आग लगने की घटनाएं दर्ज हो रही हैं.इसका नतीजा यह है कि लोगों को न तो पर्याप्त वोल्टेज मिल पा रही है और न ही लगातार बिजली आपूर्ति. खूशबू अनूप ने बताया कि एक तो इस गर्मी में पंखा कुलर तथा ऐसी के सहारे थोड़ा गर्मी से राहत मिल पाता है लेकिन विधुत विभाग के लापरवाही के कारण इतना लो वोल्टेज रहता है कुलर तो दूर के बात पंखा भी नहीं चलपाता है. इसकी शिकायत विधुत विभाग के फ्यूज कॉल सेंटर में करने पर जबाब दिया जाता है कुछ देर में ठीक हो जाऐगा लेकिन जैसे के तैसा रहता है.
बिजली विभाग के फ्यूज कॉल सेंटर बक्सर में शनिवार को प्रभात खबर के रिपोर्टर प्रशांत राय से बात चिंत के क्रम में फ्यूज कॉल सेंटर मे काकार्य बटेश्वर सिंह ने बताया की एक दिन में लगभग सौ से अधिक फोन पर शिकायत आते हैं . जिसमें सबसे अधिक शिकायत विद्युत फाल्ट की शिकायतें आती हैं.इनमें से अधिकांश शिकायतें केवल जलने, तार में फाल्ट, 11 हजार वोल्ट की लाइन में स्पार्किंग या पोल गिरने से संबंधित होती हैं.इसके अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर पर अधिक लोड होने के कारण भी अक्सर ब्रेकडाउन हो रहा है.
मरीज और छात्रों की परेशानी चरम पर
अस्पतालों में भर्ती मरीज, छोटे बच्चे और पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं इस स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. साथ ही साथ घरों में रहने वाली नई नवेली दुल्हन की समस्या होता है. लो वोल्टेज के कारण न तो सही ढंग से पंखे चलते हैं और न ही इन्वर्टर चार्ज हो पाता है.गर्मी से बेहाल लोग रात भर करवटें बदलने को मजबूर हैं. फाल्ट सुधारने में देरीविद्युत विभाग के फाल्ट सुधारने की प्रक्रिया भी बेहद धीमी है.जहां एक ओर घटनाएं रोजाना सैकड़ों की संख्या में हो रही हैं, वहीं तकनीकी स्टाफ की कमी के चलते फाल्ट ठीक करने में लगभग चार से पांच घंटों लग जाते हैं.कई बार ग्रामीण खुद ही जान जोखिम में डालकर तार जोड़ने या ट्रांसफॉर्मर छूने की कोशिश करते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होने कि समभाव होता रहा है.
स्थायी समाधान की मांग
स्थानीय समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से अपील की है कि जिले में एक उच्च स्तरीय तकनीकी टीम भेजकर बिजली आपूर्ति की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाए और स्थायी समाधान निकाला जाए. बिजली जैसी बुनियादी जरूरत पर बार-बार संकट खड़ा होना ना सिर्फ प्रशासनिक विफलता है, बल्कि आम लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर पर भी गंभीर असर डालता है. खुशबू अनूप ने बताया कि पूरे जिले में बिजली की बदहाली ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है.लो वोल्टेज, बार-बार ब्रेकडाउन, केबल फाल्ट और आगजनी जैसी समस्याओं से जनता त्रस्त है.साल भर के मेंटेनेंस के बावजूद स्थिति जस की तस है.जरूरत है प्रशासनिक सजगता, तकनीकी सुधार और संसाधनों की समुचित उपलब्धता की, ताकि आने वाले दिनों में लोगों को राहत मिल सके.वही कहाँ कि बिजली की आंख-मिचौली की वजह से रसोई का काम प्रभावित हो रहा है.बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है क्योंकि वे न तो दिन में चैन से पढ़ पा रहे हैं और न ही रात में आराम से सो पा रहे हैं.
कहते हैं कार्यपालक अभियंता
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता सूर्य प्रकाश कुमार ने बताया कि गर्मी में बिजली की खपत बढ़ने के कारण ट्रांसफॉर्मर और लाइन पर अतिरिक्त दबाव आता है, जिससे लो वोल्टेज और फाल्ट की समस्या बढ़ जाती है.विभाग लगातार सुधार कार्य में जुटा है और अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर तथा तारों की व्यवस्था की जा रही है.उन्होंने कहा कि हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि लोगों को बेहतर बिजली आपूर्ति मिल सके. सूर्य प्रकाश कुमारकार्यपालक अभियंता विधुत विभाग
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