बक्सर .
कुछ घंटों की ठहराव के बाद गंगा का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है. जिससे तटवर्ती इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पानी में लगातार बढ़ोतरी के बाद नदी की कछारी इलाके के लोगों को खेती-बाड़ी एवं जान-माल की चिंता सताने लगी है. बक्सर में शुक्रवार को शाम 06 बजे गंगा का जलस्तर 59.28 मीटर दर्ज किया गया. यह जलस्तर वार्निंग लेवल से मात्र 4 सेंटीमीटर तथा खतरे के निशान से 1.04 मीटर कम है. केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार की शाम 06 बजे से शुक्रवार की पूर्वाह्न 08 बजे तक जलस्तर में 05 सेंटीमीटर की गिरावट हुई. पूर्वाह्न 9 बजे से 01 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर फिर बढ़ने लगा. दोपहर 01 बजे से 03 सेमी प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ते हुए जलस्तर शाम 06 बजे 59.28 मीटर हो गया. जाहिर है कि गंगा का उच्चतम जलस्तर 59.09 मीटर दर्ज होने के बाद घटने का सिलसिला जारी हो गया था और 59.03 मीटर तक जलस्तर नीचे आने के बाद फिर बढ़ने लगा है. जानकारों के मुताबिक ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है. बढ़ाई गई तटबंध की निगरानीगंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज होने के बाद जिला प्रशासन सतर्क मोड में आ गया है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल द्वारा बक्सर-कोइलवर तटबंध की निगरानी बढ़ा दी गई है. आपदा प्रबंधन द्वारा बाढ़ की संभावना को देखते हुए राहत से संबंधित तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बाढ़ नियंत्रण विभाग का दावा है कि तटबंध अभी पूरी तरह सुरक्षित है. तटबंध के कमजोर जगहों को मरम्मत करा लिया गया है और संवेदनशील जगहों पर नजर रखी जा रही है. हालांकि अभी गंगा के पानी के दबाव से तटबंध वंचित है.दियारा इलाका के लोगों में बढ़ी चिंतागंगा के उफान से गंगा के दियारा क्षेत्र के लोगों में जान-माल की चिंता सताने लगी है. निचले हिस्से के मैदानी भागों में लगातार पानी अपना पाव पसारते हुए रिहायशी इलाके की ओर बढ़ता जा रहा है. इससे लोग सुरक्षित जगहों की तलाश शुरू कर दिए हैं. आपदा शाखा के प्रभारी पदाधिकारी कुमार नचिकेता ने कहा कि बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. आपदा विभाग की ओर से आश्रय स्थल के अलावा राहत सामग्री की व्यवस्था कर ली गई है.
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