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Buxar News: बीएसएपी में चल रहे प्रशिक्षण के दौरान पुलिस जवानों को खाना परोसेंगी जिविका दीदियां

यह पहल न केवल प्रशिक्षण में भाग ले रहे पुलिस जवानों के लिए सुविधाजनक सिद्ध हो रही है, बल्कि जीविका दीदियों के लिए नए आजीविका का एक सशक्त माध्यम भी बन रही है.

डुमरांव

. बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल -4 (बीएसएपी -4) बक्सर में इन दिनों नए चयनित पुलिस जवानों का प्रशिक्षण चल रहा है. इस प्रशिक्षण शिविर के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को स्वच्छ, पौष्टिक एवं संतुलित भोजन उपलब्ध कराने हेतु जीविका दीदियों द्वारा संचालित “दीदी की रसोई ” का चयन किया गया है. यह पहल न केवल प्रशिक्षण में भाग ले रहे पुलिस जवानों के लिए सुविधाजनक सिद्ध हो रही है, बल्कि जीविका दीदियों के लिए नए आजीविका का एक सशक्त माध्यम भी बन रही है.जीविका दीदी की रसोई केंद्र का उद्घाटन बीएसएपी -4 कैंप परिसर, डुमरांव में भव्य रूप से आयोजित किया गया. उद्घाटन के अवसर पर बीएसएपी -4 के शैशव यादव एवं अजय कुमार पांडेय कमांडेंट, एएसपी, बीएसएपी डुमरांव एवं बिहार ग्रामीण आजीविका मिशन – जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा संयुक्त रूप से फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर रसोई केंद्र का शुभारंभ सोमवार को किया गया. इस अवसर पर बीएसएपी के अन्य अधिकारीगण, जीविका के डीपीएम दयानिधि चौबे, प्रबंधक जाॅब एवं प्रखंड परियोजना प्रबंधक, लेखपाल, क्षेत्रिय समन्वयक, सामुदायिक समन्वयक, जीविका दीदियां एवं चयनित जीविका रसोई दीदियां भी उपस्थित थीं.

उद्घाटन समारोह में संबोधन के दौरान कमांडेंट जीविका दीदियों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि, “स्वास्थ्यवर्धक भोजन किसी भी प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा होता है. जब भोजन की व्यवस्था के लिए स्थानीय स्तर पर कार्यरत महिलाएं आगे आती हैं, तो यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल होती है. उन्होंने जीविका के इस प्रयासों की सराहना करते हुए आशा व्यक्त किया कि यह मॉडल अन्य प्रशिक्षण संस्थानों के लिए भी प्रेरणा बनेगा. जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक ने कहा कि जीविका का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है. इस तरह के संस्थागत साझेदारी से न केवल महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलते हैं, बल्कि वे समाज के मुख्यधारा से भी जुड़ती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि रसोई में कार्य करने वाली सभी दीदियों को पूर्व में स्वच्छता, पोषण, खाद्य गुणवत्ता एवं सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है ताकि जवानों को गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदान किया जा सके. इस रसोई केंद्र में प्रतिदिन लगभग दो हजार प्रशिक्षणार्थियों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. भोजन में विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि वह पौष्टिक के साथ सुपाच्य एवं संतुलित आहार हो. भोजन बनाने से लेकर परोसने तक की प्रक्रिया में सभी दीदियां एप्रोन, स्वच्छ कपडे़ आदि का प्रयोग कर रही हैं, जिससे स्वच्छता और सुरक्षा के मानकों का पालन हो सके. कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों ने जीविका दीदियों द्वारा तैयार किए गए भोजन का स्वाद भी चखा और उसकी सराहना की. इस पहल ने यह सिद्ध कर दिया कि जब सरकारी विभाग एवं समुदाय आधारित संगठन एक साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो उसका प्रभाव दूरगामी एवं सकारात्मक होता है

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