डुमरांव. पटना डीडीयू रेल खंड के डुमरांव रेलवे स्टेशन अभी भी कई मूलभूत सुविधाओं की कमी झेल रहा है. करोड़ों का राजस्व देने वाला डुमरांव रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
डुमरांव के रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना हैं कि सदियों से इस स्टेशन का विकास नहीं हुआ है. लोगों ने बताया कि डुमरांव रेलवे स्टेशन की लंबाई भी अनुरूप से कम है. प्लेटफॉर्म की लंबाई कम होने की वजह से आए दिन ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल कायम रहता है. स्थानीय रिटायर्ड शिक्षक अमरकांत ओझा ने बताया कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म की लंबाई बहुत कम है. प्लेटफॉर्म की लंबाई कम होने से कई ट्रेनों की दो-तीन डब्बे स्टेशन परिसर से बाहर रेलवे ट्रैक पर लगता है. ऐसी स्थिति में कई बार देखा गया हैं कि जल्दबाजी में ट्रेन पर चढ़ने के दौरान यात्री गिर कर चोटिल हो जाते है.हादसे का बना रहता है डर
इस दौरान बड़ी दुर्घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. क्योंकि ट्रेन पकड़ने के दौरान यात्रियों के बीच भाग-दौड़ की स्थिति खासकर बनी रहती है. उन्होंने बताया कि ट्रेन प्लेटफॉर्म पर लगने के बाद पुरवारी गुमटी से पीछे तक ट्रेन का डब्बा लग जाता है. जिसके कारण ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.प्लेटफॉर्म की ऊंचाई कम होने से उतरने में गिर जाते हैं यात्री
उनके द्वारा बताया गया की सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि इस प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बहुत कम है. स्टेशन की ऊंचाई कम होने के वजह से यहां पर आए दिन अक्सर यात्रियों की चढ़ने उतरने के दौरान एक्सीडेंट होते रहता है. सूत्रों के अनुसार सदियों से ही इस स्टेशन पर विभाग की ध्यान नहीं होने के कारण इस प्लेटफॉर्म की स्थिति अति दयनीय है. आगे उन्होंने बताया कि ट्रेन जब प्लेटफॉर्म पर खड़ी होती हैं तो हाइट कम होने की वजह से ट्रेन से प्लेटफॉर्म बहुत नीचे हो जाता है. इस दौरान कई बार ट्रेन पर चढ़ने उतरने के दौरान यात्री गिरकर चोटिल हो जाते है. कई बार तो चढ़ने उतरने के दौरान यात्रियों के पैर फिसलने से एक्सीडेंट भी हो जाता हैं फिर भी इस स्टेशन पर विभाग की नजर नहीं पड़ता है.चापाकल है खराब, नहीं उगलता पानी
स्टेशन पर पीने के लिए स्वच्छ पानी भी नहीं मिलता है. चापाकल मरम्मत के अभाव में खराब पड़ा है. इस स्टेशन से मिडिल क्लास के साथ निचले यानी गरीब तबके के लोग भी यात्रा करते हैं जो पीने के लिए पानी खरीदने में सक्षम नहीं होते है. सोमवार की यात्रा करने वाले सोनू कुमार, रमेश सिंह ने बताया कि इतनी गर्मी में स्टेशन परिसर में पेयजल की बहुत समस्या होती है. स्टेशन परिसर पर लगे चंपानल खराब पड़ा हुआ है, जिससे यात्रियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि उन लोगों ने बताया कि स्टेशन परिसर में लगे नल से पानी तो आ रहा है. लेकिन चरम सीमा पर गर्मी व धूप की वजह से नल का पानी गर्म हो जाता है. इतनी गर्मी में गर्म पानी पीना मुमकिन नहीं है. चापानल चलता तो इससे ठंडी पानी पीने के लिए मिल जाता. ऐसे में अब देखना है कि विभागीय अधिकारियों की इस समस्या पर नजर कब तक पड़ती हैडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है