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Buxar News: कोयला कंट्रैक्ट विवाद में राजद नेता अर्जुन यादव की हत्या, मनोरंजन पांडेय निकला मास्टरमाइंड

पुलिस ने राजद नेता अर्जुन यादव हत्याकांड के रहस्य से पर्दा हटा दिया है. चौसा पॉवर प्लांट में कोयले की आपूर्ति के लिए कंट्रैक्ट विवाद में अर्जुन की हत्या की गई थी.

बक्सर

. पुलिस ने राजद नेता अर्जुन यादव हत्याकांड के रहस्य से पर्दा हटा दिया है. चौसा पॉवर प्लांट में कोयले की आपूर्ति के लिए कंट्रैक्ट विवाद में अर्जुन की हत्या की गई थी. इस कांड का मास्टर माइंड मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बनारपुर निवासी मनोरंजन पांडेय उर्फ राजा है. अपने राजनीतिक रसूख का फायदा उठाते हुए प्रतिद्वंदी अर्जुन यादव द्वारा मनोरंजन पांडेय का कोयला कंट्रैक्ट निरस्त करा दिया गया था. जिससे वह खार खाए बैठा था. पॉवर प्लांट में वर्चस्व को लेकर दोनों के बीच तनातनी पहले से ही चल रही थी और उनके बिच विवाद भी हुआ था. ऐसे में सदा के लिए अपने रास्ते से हटाने के लिए मनोरंजन पांडेय द्वारा अपने अन्य सहयोगियों संग अर्जुन यादव की हत्या की साजिश पटना में मैरिन ड्राइव पर रची गयी. पुलिस ने इसका खुलासा चार आरोपितों को गिरफ्तार करने के साथ किया है. समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस कप्तान शुभम आर्य ने बताया कि हत्या की साजिश करोड़ों की कोयला टेंडर के विवाद में पटना के मरीन ड्राइव के पास रची गई थी. गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी मनोरंजन उर्फ राजा पांडेय के टेंडर को मृतक अर्जुन यादव ने पूर्व में रद्द करवा दिया था.मनोरंजन पांडेय ने गोलू उपाध्याय और राजा दूबे के जरिए यह प्लान बनाया और हत्या की जिम्मेदारी अभिषेक राय उर्फ मल्लू और उनके साथियों को सौंपी.

तीन-तीन लाख रुपये पर हायर किए गए थे शूटरएसपी ने बताया कि हत्या को अंजाम देने के लिए मल्लू ने उतर प्रदेश के गाजीपुर से दो शूटरों निखिल और दिनेश को तीन-तीन लाख रुपये में हायर किया था. पुलिस इन दोनों शूटरों गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है. इससे पहले गिरफ्तार किए गए दो अन्य तूफानी और एक नाबालिग ने डेढ़-डेढ़ लाख लेकर खुद को झूठा आरोपी बताया था, ताकि असली आरोपियों को बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि मल्लू दोनों संग 24 मई को ही चौसा पहुंच गया था.लेकिन अहियापुर हत्याकांड के चलते क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता बढ़ने से 24 और 25 मई को उन्हें चौसा थर्मल पावर प्लांट के मुख्य गेट के पास स्थित मनोरंजन पांडेय के कटरा एवं मकान में हथियारों के साथ ठहरना पड़ा. इस बीच मौका मिलते ही 26 मई को अर्जुन यादव की हत्या कर दी गई. घटना के समय मनोरंजन पांडेय और वीरू उपाध्याय ने पुलिस को दिग्भ्रमित करने के लिए अपना लोकेशन भी बदल लिया था. मनोरंजन पांडेय ने स्वयं को निजी कार्यों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय एवं पटना एसएसपी कार्यालय में दिखाया, जबकि वीरू उपाध्याय ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था.

गिरफ्तार होने वाले आरोपीएसपी शुभम आर्य ने बताया कि गिरफ्तार होने वालों में बनारपुर निवासी मनोरंजन पांडेय उर्फ राजा पांडेय, इटाढ़ी थाना क्षेत्र के सुकरवलिया निवासी बीरू उपाध्याय उर्फ अजय उपाध्याय, राजपुर थाना क्षेत्र के इटवा कपरिया निवासी अभिषेक कुमार राय उर्फ मोलू तथा सुकरलिया का रहने वाला गोलू उपाध्याय उर्फ देव उपाध्याय शामिल है. जबकि इससे पहले इटाढ़ी थाना क्षेत्र के जयपुर निवासी तूफानी कुमार गुप्ता एवं एक नाबालिग को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि दो शूटरों समेत तीन आरोपी अभी भी फरार हैं. जिनकी गिरफ्तारी हेतु उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.

हथियार की बरामदगी को लेकर हाथ-पाव मार रही पुलिसएसपी ने बताया कि घटना में प्रयुक्त 5 मोबाइल डिवाइस बरामद कर जब्त कर लिये गए हैं. वही हत्या में प्रयुक्त हथियारों की बरामदगी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरज कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था. जिसमें मुफ्फसिल थानाध्यक्ष शंभू कुमार भगत, पुअनि चंदन कुमार यादव, पुअनि चंदन कुमार व डीआईयू की टीम शामिल थी.

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