बक्सर. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के दौरान जिले में विभिन्न विभागों द्वारा काफी कार्य कराया गया है. इस क्रम में जिले के विभिन्न विद्यालयों में भी कई कार्य कराये गये हैं. जिसका भुगतान संवेदकों को नहीं मिल पाया है. भुगतान अधिकारियों के पेंच में फंस गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र पांडेय ने भुगतान के पूर्व कार्यों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमिटी गठित की गयी है. कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद भुगतान विभाग से किया जायेगा. वहीं गठित टीम ने डीईओ से जांच की जाने वाले विभिन्न विद्यालयों में कराये गये कार्यों की सूची की मांग की है. डीइओ के जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि मुख्यमंत्री के प्रगति यात्रा को लेकर डीएम के मौखिक आदेश पर विभिन्न विद्यालयों में मरम्मति कार्य कराया गया है. संवेदक कराये गये कार्य के एवज में अपनी राशि की मांग की जा रही है. पिछले 17 मई को डीएम ने मौखिक आदेश देते हुए कहा है कि विद्यालयों में हुए मरम्मति कार्य का मूल्यांकन के लिए एक कमेटी गठित की जाये. जिससे वास्तविक कार्य का मूल्यांकन हो सके. गठित कमेटी कार्य स्थल का भौतिक निरीक्षण करेगी. जिसके प्राक्कलन सहित कराये गये कार्यों की वस्तु स्थिति से अवगत कराएं. जिसके एवज में भुगतान किया जा सके. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) शारिरीक अशरफ के नेतृत्व में कमेटी गठित की गयी है. जिसमें चार अभियंताओं को शामिल किया गया है. वहीं दूसरी ओर कमेटी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजते हुए कहा है कि डीइओ के स्तर जारी पत्र में इस बात का उल्लेख नहीं है कि किन-किन विद्यालयों में कार्य कराया गया है. साथ ही इस बात का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है कि कौन-कौन से कार्यों की जांच करनी है. कमेटी ने इसकी सूची की मांग की है. जिससे इस कार्य का तत्काल निष्पादन कराया जा सके. संबंधित संवेदकों को उनके कार्य के बदले भुगतान हो सके. विदित हो कि 15 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा जिले में हुई थी. इसके पूर्व सभी कार्य का निष्पादन कर दिया गया. परंतु चार माह से विभागीय अधिकारियों के पेंच में संवेदकों को उनके स्तर से कराये गये कार्य के बदल भुगतान नहीं हो पाया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है