चौसा
. बिहार के लोग काफी मेहनती और आंदोलनकारी है. यहां के लोग पूरे देश में काम करते हैं. तो इनकी जमीन बचाने के लिए आंदोलन तो करना पड़ेगा. जब हरेक चीज़ की मूल्य बाज़ार भाव के तहत मिल रही है तो किसानों की जमीन भी बाजार भाव पर अधिग्रहण करनी पड़ेगी. प्लांट में लोकल को रोजगार मिलनी चाहिए. बाईपास फोर लेन, रेल व पाइपलाइन कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण की जाने वाली भूमि का मुआवजा बाजार मूल्य से चार गुना मिलनी चाहिए. उक्त बातें चौसा में निर्माणधीन थर्मल पॉवर प्लांट के पास प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा चौसा और संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में 17 सूत्री मांगों के लिए शनिवार को आयोजित किसान सभा में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भारी संख्या में जुटे किसानों से केंद्र और राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा. उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन हड़पने की साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बिहार के लोग सॉफ्ट टारगेट बनाए जा रहे हैं. सरकार चाहती है कि यहां के लोग मजदूर बनें, पलायन करें और अपनी ही जमीन से बेदखल हो जाएं. उन्होंने कहा कि यहां जमीन छीनने का एक संगठित षड्यंत्र रचा गया है, जिसमें बाईपास, हाइवे व अन्य परियोजनाओं और बड़ी-बड़ी कंपनियों के माध्यम से किसानों की भूमि छीनी जा रही है. सरकार विभिन्न परियोजनाओं की आड़ में किसानों को उनके हक से वंचित कर रही है. राष्ट्रीय किसान नेता टिकैत ने कहा कि इससे पहले भी वह दो बार बक्सर आ चुके हैं और यहां के किसानों की आवाज दिल्ली तक पहुंची है. उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा, हम साफ तौर पर कहना चाहते हैं कि भूमि अधिग्रहण मुफ्त में नहीं होगा. किसानों को उनका उचित मुआवजा और अधिकार मिलना चाहिए. अगर किसानों की जमीन जबरन ली गई, तो इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा. उन्होंने किसानों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि संघर्ष के बिना अधिकार नहीं मिलते, और यह लड़ाई सिर्फ बक्सर की नहीं, पूरे देश के किसानों की है. स्थानीय सांसद सुधाकर सिंह ने कहा नवीनगर में जो बिजली घर लगा वहां जो मिला है किसानों को वह चीज के किसानों को भी भी मिले. लेकिन, छोटी मांग को अभी तक जिला प्रशासन 10 साल में पूरा नहीं कर सका. नए अधिकारी आए हैं दो दिन बाद हम उन लोगों के साथ एक बैठक करेंगे हम उम्मीद करते हैं कि आपकी जो मांगे हैं वह अधिकतम एक दो बैठक होते-होते हैं. आपको पूरा कर दिया जाए. अगर, पूरा नही होता तो आरएनआर में अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. वही, प्रभावित किसान मोर्चा के अध्यक्ष किसान नेता रामप्रवेश सिंह यादव ने कहा कि एनएच 319 में रैयतों को चार गुना मुआवजा नही मिला और किसी भी रैयत का मकान टूटा तो बुलडोजर किसान नेता के शव के ऊपर गुजरेगा. इस मौके पर किसान नेता दिनेश कुमार, अशोक प्रसाद सिंह, पूर्व मंत्री अखलाक अहमद, प्रशांत कमल,अनुपम, अध्यक्ष, युवा हल्ला बोल के अलावे बिहार आदि अन्य प्रदेशों के नेताओं ने भी अपना वक्तव्य रखा. किसानों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है