डुमरांव. प्रखंड क्षेत्र के टुडीगंज-चौगाई मुख्य मार्ग की हालत इन दिनों बद से बदतर होती जा रही है. लगातार बारिश के चलते सड़क पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है, जिससे पूरी सड़क जगह-जगह गहरे और खतरनाक गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. आलम यह है कि अब यह पहचानना मुश्किल हो गया है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों के बीच कहीं-कहीं सड़क बची हुई है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से सड़क की मरम्मत नहीं हुई है. प्रशासनिक उदासीनता और भारी वाहनों के बेरोकटोक आवागमन के कारण सड़क की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है. नतीजतन, न केवल आवागमन बाधित हो गया है, बल्कि दुर्घटनाओं का भी ख़तरा बढ़ गया है. इस जर्जर मार्ग से रोज़ाना सैकड़ों लोग आवागमन करते है. खासकर इ-रिक्शा चालकों को इस बदहाल सड़क का खामियाजा आर्थिक रूप से भुगतना पड़ रहा है. यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है. क्योंकि लोग इस मार्ग से गुजरने में डर महसूस करते है. उन्हें हर पल यह डर सताता है कि कब वाहन पलट जाये या कोई बड़ा हादसा हो जाये. बरसात के मौसम में यह सड़क केवल आवागमन का माध्यम नहीं, बल्कि जान जोखिम में डालने वाला रास्ता बन गई है. पप्पू प्रसाद ने कहा कि बरसात में जब बच्चा बीमार हो जाए और उसे अस्पताल ले जाने के लिए कोई साधन न मिले, तब समझ में आता है कि सड़क कितनी जरूरी चीज है. हम रोज़ इस टुडीगंज-चौगाई सड़क पर चलते हैं, पर हर कदम डर के साये में उठता है न जाने कब बाइक फिसल जाये. कब गड्ढे में गिर जाये. वहीं हरेंद्र कुमार का कहना है कि मैं रोज इ-रिक्शा चलाकर अपने बच्चों का पेट पालता हूं. लेकिन अब इस टूटी सड़क पर गाड़ी चलाने की हिम्मत नहीं हो पाती. हादसे के भय से यात्री बैठने से कतराते हैं. गड्ढों के कारण बार-बार गाड़ी खराब होने से खर्च भी बढ़ गया है.
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