बक्सर. नर्सिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो सीधे इंसानियत की सेवा से जुड़ा हुआ होता है. हर तरह के मरीजों की सेवा करना ईश्वर की सेवा करने के बराबर होता है. चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो, लेकिन उसका इलाज व सेवा निःस्वार्थ भाव के साथ करना पड़ता है. उक्त बातें मुख्य अतिथि के रूप में बक्सर जीएनएम कॉलेज में शामिल जदयू नेता अंजुम आरा ने स्कूल के सभागार में आयोजित 48 छात्राओं को प्रथम वर्ष की पढ़ाई के बाद व्यावहारिक प्रशिक्षण लेने से पहले कैपिंग सेरेमनी एवं ओथ सेरिमनी कार्यक्रम के दौरान कही. वही उन्होंने उपस्थित सभी जीएनएम छात्राओं से कहा कि नर्सिंग की पढ़ाई करने के बाद बहुत से लोग नौकरी पेशा से जुड़ कर अपनी सेवा देते है तो कुछ लोग सामाजिक स्तर पर जुड़ कर ग़रीब, असहाय मरीज़ों की सेवा करते है. हालांकि जिले के मुख्यालय स्थित जीएनएम स्कूल में वर्ष 2024- 27 की छात्राओं की प्रथम वर्ष की पढ़ाई करने के बाद व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए तैयार किया गया है. लेकिन इससे पहले उनलोगों को शपथ दिलायी जाती है, ताकि वह अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो सके तथा अपनी दायित्व के तहत मरीज़ों की सेवा पूरी लगन के साथ करें. जिसमें मुख्य अतिथि द्वारा इन्होंने नर्सिंग स्टूडेंट्स फ्लोरेन्स नाइटेंगल के बारे में बताते हुए नर्सिंग की सुदृढ़ शिक्षा व्यवस्था पर अपना विचार रखा. वहीं उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बिहार सरकार के द्वारा चलाए गए सात निश्चय नर्सिंग संस्थान बक्सर में सुदृढ़ तरीके से अनुशासन के तहत शिक्षण संस्थान का कार्य सुचारू रूप से कार्य किया जा रहा है.
कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अंजूम आरा प्रदेश प्रवक्ता जेडीयू, सीनेट मेंबर पटना यूनिवर्सिटी एवं पूर्व महिला आयोग बिहार सरकार के अध्यक्ष शामिल हुई. जिनके कर कमल द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में सदर अस्पताल के कार्यकारी उपाधीक्षक डॉ नमिता सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रभारी प्राचार्य मोहम्मद आफताब आलम इदरीश, सिद्धेश्वर चौधरी, डॉ आशुतोष कुमार चतुर्वेदी जिला महामारी रोग विशेषज्ञय बक्सर स्वास्थ्य विभाग की उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न कराया गया.
सदर अस्पताल बक्सर की कार्यकारी उपाधीक्षक सह प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नमिता सिंह ने बताया कि बक्सर जीएनएम स्कूल की 48 छात्राओं को प्रथम वर्ष की पढ़ाई के बाद व्यावहारिक प्रशिक्षण लेने से पहले एक शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन कर यह शपथ दिलायी गयी कि हर तरह के मरीजों की निःस्वार्थ भाव से सेवा करना उनका पहला कर्तव्य होता है. नर्सों की स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक अद्वितीय भूमिका होती है.
छात्राएं व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए तैयार : प्राचार्यजीएनएम स्कूल की प्राचार्य मोहम्मद आफताब आलम इदरीश ने बताया वर्ष 2024- 27 बैच की 48 छात्राओं को प्रथम वर्ष की पढ़ाई के बाद शपथ दिलायी गयी. प्रशिक्षित प्रथम वर्ष की छात्राएं सदर अस्पताल के मरीजों की सेवा और चिकित्सकों को सहयोग करने काले अहम भूमिका निभायेंगी. जिसे आपलोग मानवता के साथ उसका बखूबी निर्वहन करेंगी. चाहे वह किसी भी विषम परिस्थितियों में क्यों नही हो लेकिन उनका पहला काम मरीजों की सेवा करना ही होगा. क्योंकि वह किसी की बेटी या बहन हो सभी लोग सिस्टर के नाम से ही जानते है. यही एक ऐसा पेशा है जहां निःस्वार्थ भाव से बगैर किसी भेदभाव के दिन रात मरीजों की सेवा करना पड़ता है.
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