बक्सर. गर्मी व तापमान बढ़ते ही जिले में भूजल स्तर भी पांच फुट नीचे खिसक गया. सरकारी विद्यालयों में चापाकल जवाब दे रहे हैं.
हालांकि गर्मी के मौसम में सरकारी विद्यालयों में पानी की दिक्कत उत्पन्न न हो, इसके लिए सबमर्सिबल लगाने के लिए फरवरी माह में कुल नौ ग्रुपों में निकाली गयी चार करोड़ 25 लाख 63 हजार रुपये की निविदा खोलने की अंतिम तिथि 21 फरवरी बीत जाने के बाद भी अभी नहीं खोली गयी. नतीजा इस साल भी तमाम सरकारी विद्यालयों में बच्चों को सबमर्सिबल से शुद्ध पानी मिलना मुश्किल है. इधर गर्मी हर रोज बढ़ती ही जा रही है. जिस कारण चापाकल भी अब सूखने लगे हैं. नतीजा स्कूली बच्चों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. दो माह से निविदा को उलझाकर रखने के मामले में जिलाधिकारी अुशंल अग्रवाल ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराते हैं. दोषी पाये जाने पर संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी. दूसरी तरफ निविदा में भाग लेने वाले संवेदकों का कहना कि सूद-ब्याज पर दूसरों से राशि लेकर निविदा में भाग लिये थे, पर अभी तक फाइनल नहीं हुई. इससे सूद पर लिये गये रुपये की ब्याज लगातार बढ़ रहा है.अभी तक तकनीकी बीड को वेबसाइट पर नहीं किया गया अपलोड
संवेदकों का कहना है कि तकनीकी बीट को अभी तक पीएचइडी अपने वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है. जिस कारण निविदा में घालमेल करने की आंशका से इंकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि इस संबंध में पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता राहुल कुमार अब कुछ भी कहने से बच रहे हैं. यही वजह है कि वे अपने मोबाइल पर जा रहे कॉल को रिसीव नहीं कर रहे हैं. गौरतलब है कि बक्सर और इटाढ़ी प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में सबमर्सिबल के लिए कुल 51 लाख 92 हजार 859 रुपये, चौसा प्रखंड के लिए कुल 33 लाख 38 हजार 267 रुपये की निविदा निकाली गयी है. जबकि ब्रह्मपुर, डुमरांव चक्की प्रखंड के लिए कुल 37 लाख 9 हजार 185 रुपये, सिमरी प्रखंड के लिए 44 लाख 51 हजार 22 रुपये, राजपुर प्रखंड के लिए पार्ट वन को लेकर 44 लाख 51 हजार 22 रुपये जबकि राजपुर प्रखंड के लिए पार्ट टू को लेकर 44 लाख 51 हजार 22 रुपये, नावानगर प्रखंड के कुल 37 लाख 9 हजार 185 रुपये, इसके अलावा, बक्सर, सिमरी, चक्की, ब्रह्मपुर, डुमरांव, केसठ एव चौगाईं के लिए कुल 63 लाख 46 हजार 240 रुपये, नावानगर, राजपुर, इटाढ़ी और चौसा के लिए 69 लाख 14 हजार 560 रुपये की निविदा निकाली गयी है. संवेदकों का कहना है कि निकाले गये टेंडर की निविदा की तकनीकी बीड संवेदकों के समक्ष खोला ही नहीं गया. बल्कि इसमें भाग लेने वाले संवेदकों को बुलाकर आपस में काम बांट लेने का खेल खेला जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है