कृष्णाब्रह्म. टुडीगंज से चौगाईं की ओर जाने वाली मुख्य सड़क, जो क्षेत्र के दर्जनों गांवों को टुडीगंज रेलवे स्टेशन और पटना-बक्सर एनएच 922 से जोड़ती है, इन दिनों गंभीर जलजमाव की समस्या से जूझ रही है. हाल ही में इस सड़क का समतलीकरण कार्य कराया गया था, ताकि ग्रामीणों, राहगीरों और वाहन चालकों को राहत मिल सकें. लेकिन समतलीकरण के बाद भी जलनिकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण सड़क पर लगातार जलजमाव बना हुआ है, जिससे लोगों को अत्यधिक परेशानी हो रही है. इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग सफर करते हैं. खेतों से बाजार, स्कूल से स्टेशन और घर से अस्पताल तक की सारी गतिविधियां इसी सड़क पर निर्भर है. बारिश के मौसम में जब पानी लगातार गिरता है, तब यह सड़क एक जलाशय जैसी दिखाई देने लगती है. रास्ते पर जगह-जगह पानी भर जाता है, जिससे न केवल पैदल चलने वालों को, बल्कि दोपहिया और चारपहिया वाहनों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. विशेषकर स्कूली बच्चों और महिलाओं को इस जलजमाव के कारण सबसे अधिक कठिनाई होती है. सुबह के समय जब बच्चे स्कूल जाने के लिए घर से निकलते हैं, तो उन्हें गंदे और भरे हुए पानी से गुजरना पड़ता है. कई बार वे गिर भी जाते हैं और उनके कपड़े, किताबें, बैग सब भीग जाते है. छोटे बच्चे डर के कारण स्कूल जाने से कतराते है. महिलाओं को बाजार, स्कूल, अस्पताल या किसी आवश्यक कार्य से बाहर निकलने में कठिनाई होती है. बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह मार्ग एक बड़ी चुनौती बन चुका है. कीचड़ और फिसलन के कारण चलना जोखिम भरा हो गया है. स्थानीय दुकानदार और व्यवसायी भी इस समस्या से परेशान है. जलजमाव के कारण ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. दुकानों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है वहीं, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी बाधित हो रही है, जिससे व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. आये दिन साइकिल, बाइक, ऑटो और छोटी गाड़ियां कीचड़ में फसने की संभावना बनी रहती है. कई बार फिसलने के कारण दुर्घटनाएं भी हो जाती है. जिससे समय और श्रम दोनों का नुकसान होता है. यह मार्ग क्षेत्र के ग्रामीण जीवन का प्रमुख आधार है. इसके माध्यम से ही छात्र शिक्षा के लिए, किसान बाजार के लिए, रोगी इलाज के लिए और आम लोग दैनिक क्रियाकलापों के लिए बाहर जाते है. जब यह मार्ग जलमग्न हो जाता है, तो ग्रामीणों की पूरी दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो जाती है. बारिश का मौसम अभी जारी है और आने वाले दिनों में और अधिक वर्षा की संभावना है. यदि जलनिकासी की व्यवस्था जल्द नहीं की गयी, तो सड़क की स्थिति और भी खराब हो सकती है, जिससे लोगों की परेशानियां कई गुना बढ़ जायेंगी. गांवों के आपसी संपर्क और बाहर की दुनिया से जुड़ाव का यह महत्वपूर्ण मार्ग यदि इसी स्थिति में रहा, तो बच्चों की पढ़ाई, मरीजों का इलाज, व्यापार और सामाजिक जीवन सभी प्रभावित होंगे. यह केवल एक सड़क नहीं, बल्कि ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी की धुरी है.
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