चौसा. रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ हो चुका है. धान का बिचड़ा डालने का समय भी आ गया, परंतु सोन नहर का पानी अभी तक नहीं छोड़ा गया. जिसके चलते ज्येष्ठ महीने में क्षेत्र के सभी आहर, तालाब, नाले सूखे हुए हैं. सिवान में कहीं भी पानी नहीं दिख रहा. जिससे पशु-पक्षी तपती धूप में पानी को ले बेचैन है. उधर रोहिणी नक्षत्र भी प्रारंभ हो गया और नहरों में पानी नहीं आने से किसान धान के बिचड़े डालने को लेकर परेशान नजर आने लगे है. किसानों का कहना है कि पिछले चार दिनों से रोहिणी नक्षत्र चढ़ा है. परंतु अभी तक ना ही सोन नहर का पानी चौसा सीवीसी कैनाल में आया और ना ही गंगा पंप नहर ही चालू हो पाया. नहरों में पानी नहीं मिलने से किसान धान के बिचड़े डालने के लिए छटपटा रहे हैं. सोन नहर का पानी चौसा सीवीसी कैनाल में नहीं आने से रामपुर, डिहरी, पलियां, जलीलपुर, सिकरौल, सरेंजा, चुन्नी, पवनी व चौसा पंचायत के दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसानों के खेतों में अभी तक दरार दीख रहा है. एक सप्ताह में धान के बिचड़े डालने है. उधर नहरों में पानी नहीं आने क्षेत्र के सभी आहर, तालाब सूखे हैं और इस भीषण गर्मी में पशु-पक्षी भी अपनी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकते हुए नजर आने लगे है. सीवान में पानी नहीं रहने से सबसे ज्यादा परेशान हिरणों को हो रही है जो अपनी प्यास बुझाने के लिए बस्तियों की ओर रूख करने लगे है.
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