बक्सर
. स्वच्छता मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर पंचायती स्तर पर इकाइयों की स्थापना की जा रही है, लेकिन जिले की 11 पंचायतें अब भी इससे वंचित हैं. इन पंचायतों में भूमि की अनुपलब्धता सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई है. जबकि शेष 11 पंचायतों में भूमि चयन तो हो गया है, लेकिन विभिन्न कारणों से कार्य शुरू नहीं हो सका है.जिले के अधिकांश पंचायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निर्माण या तो पूरा हो चुका है या फिर निर्माण कार्य प्रगति पर है. लेकिन 11 पंचायतों में अब तक एक इंच जमीन भी उपलब्ध नहीं हो पाई है. जिस पर यूनिट का निर्माण हो सकें. यही कारण है कि यहां पर ठोस अपशिष्ट के निपटान की योजना अधर में लटकी हुई है.विवाद व तकनीकी अड़चनों ने रोका कार्यसूत्रों के अनुसार कई पंचायतों में जहां जमीन चिह्नित की गई थी, वहां स्थानीय स्तर पर विवाद खड़ा हो गया.कुछ मामलों में चयनित भूमि गैर-मर्यादित या विवादित निकली, जिससे निर्माण की प्रक्रिया रुक गई. वहीं कुछ स्थानों पर तकनीकी निरीक्षण में भूमि अनुपयुक्त पाई गई .ऐसे में विभाग को दोबारा वैकल्पिक भूमि की तलाश करनी पड़ी, जिससे कार्य में देरी हो गई. जिले में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कार्य जरूर चल रहा है, लेकिन भूमि संबंधी समस्याओं के कारण काम अधूरा है.यदि पंचायत स्तर से सक्रिय सहयोग मिले और स्थानीय विवादों का शीघ्र समाधान किया जाए, तो शेष पंचायतों में भी इकाइयों का निर्माण संभव है.विभाग की सक्रियता और जनता की भागीदारी से ही स्वच्छता के इस अभियान को पूर्णता मिल सकेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है