केसठ
. प्रखंड के दसियांव गांव में चल रहे आठ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ से माहौल भक्तिमय बन गया है. कार्यक्रम का नेतृत्व डा रमेश चंद्र द्विवेदी ने किया. भगवत कथा में पं दयानंद मिश्र ने कथा के माध्यम से ज्ञान की अमृतवर्षा कर रहे हैं. कथा के दौरान रविवार उन्होंने कलियुग में मानव जीवन के लिए मुक्त का आधार को लेकर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने भागवत का शाब्दिक अर्थ को विस्तार से बताया तथा भगवत नाम संकीर्तन का बखान किया. उन्होंने कहा कि मन को शांत करने के लिए न कोई मंत्र-तंत्र है और न कोई यंत्र है. मन को शांत रखना या मन को अशांत रखना मनुष्य के स्वयं के वश में है. यह केवल संकल्प शक्ति से ही संभव है. सीमा व मर्यादा का उल्लंघन न करते हुए मनुष्य को एक आदर्श जीवन बिताना ही मर्यादा का पालन करना है.नारायण का नाम सुख प्रदान करनेवाला होता है. वही दैनिक दिनचर्या को मर्यादित तरीके से व्यतीत करना चाहिए. आत्ममंथन से भगवान के दर्शन का मार्ग प्रशस्त होता है. आज पूरी दुनिया क्षणिक सुख के लिए कई तरह के गलत व अनैतिक काम कर रही है. मनुष्य को यदि सुख और शांति का जीवन व्यतीत करना है, तो कलियुग में प्रभु नारायण का संस्मरण करने की जरूरत है.नारायण का नाम समस्त सुख प्रदान करता है. उन्होंने कथा के माध्यम से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया. श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन हवन पूजन व भंडारा के साथ सोमवार को होगा. विकास कुमार, सौरभ कुमार, गौरव कुमार, संजय पाठक, मंटु मिश्र रमावती देवी, नीलम देवी, प्रद्युम्न कुमार, अमित कुमार, त्रिपुरारि कुमार, प्रमोद कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है