राजपुर
. प्रखंड के आदर्श पंचायत के तौर पर चयनित खीरी पंचायत इन दिनों जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है. पिछले कई वर्षों के बाद ऐसा पहली बार हुआ है. जब पंचायतीराज व्यवस्था के गठन के बाद खीरी गांव के मुस्लिम चौक से होकर महादलित बस्ती तक जाने वाले मुख्य पीसीसी पथ पर घरों का गंदा पानी लगा हुआ है. पिछले पांच महीने से हुए जलजमाव से संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना बढ़ गयी है. इस रास्ते से गांव के ग्रामीणों के अलावा स्कूल जाने वाले छात्रों को भी अक्सर आना जाना रहता है. रास्ते से गुजरने वाले ग्रामीणों को इस गंदे पानी से होकर जाना पड़ रहा है. गांव की आबादी लगभग आठ हजार से अधिक है. प्रतिदिन सुबह छोटे बच्चे विभिन्न स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं. जिन बच्चों को अभिभावक स्वयं कंधे पर टांग कर या बाइक पर बैठाकर गंदे पानी को पार कराते हैं.रास्ते से गुजरने पर कभी-कभी गंदे पानी का छींटा शरीर पर भी पड़ जाता है. आसपास के घरों को काफी मुसीबत झेलनी पड़ रही है.अधिक दिनों से जलजमाव हो जाने से बदबू भी आ रहा हैं. घर के लोगों को निकलना काफी मुश्किल हो गया है. जरूरत पड़ने पर भी सोचना पड़ता है.जल निकासी की समस्या को दूर करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के पास भी गुहार लगाए हैं. घर के लोगों को निकलना काफी मुश्किल हो गया है. जरूरत पड़ने पर भी सोचना पड़ता है.जल निकासी की समस्या को दूर करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के पास भी गुहार लगाए हैं.जिसको लेकर गांव के ग्रामीण हारून रशीद ,मोहम्मद वसीम अंसारी, सैदर अली, अरविंद कुमार, इरफान अंसारी के अलावा अन्य ग्रामीणों ने जल निकासी की समस्या को दूर करने के लिए मुखिया व बीडीसी से भी गुहार लगाया था. बावजूद समस्या का निदान नहीं किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से कभी भी पंचायतों का भ्रमण नहीं किया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है