बक्सर. गेहूं खरीद के मामले में बक्सर जिला इस बार भी फिसड्डी रह गया. नतीजा यह है कि लक्ष्य का एक प्रतिशत भी गेहूं की खरीदारी नहीं हुई. लिहाजा पिछले वर्षों की तरह इस बार भी सरकारी कोठिला गेहूं से खाली रह गया.
रबी विपणन वर्ष 2025-026 में सहकारी समितियों के लिए गेहूं क्रय का लक्ष्य 6,137 एमटी निर्धरित था. गेहूं क्रय की समयावधि 15 जून को समाप्त होने के बाद जारी रिपोर्ट के मुताबिक महज 58.40 एमटी गेहूं की खरीदारी हुई है, जो लक्ष्य का महज 0.95 प्रतिशत है. किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने की नीयत से सरकार द्वारा विकेंद्रीकृत प्रणाली के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक अप्रैल से गेहूं की खरीदारी शुरू की गयी थी. भारत सरकार द्वारा चालू रबी विपणन वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. सहकारिता विभाग के अधिकारियों की माने, तो न्यूनतम समर्थन मूल्य से बाजार भाव अधिक रहने के चलते किसानों द्वारा अपने खून-पसीने की कमाई सरकारी एजेंसियों को न बेचकर अढ़तियों अथवा व्यापारियों को बेच दिया गया.766 किसानों ने किया था ऑनलाइन आवेदन
सहकारी समितियों को गेहूं बेचने के लिए विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने का प्रावधान है. इस बार कुल 766 किसानों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया गया था. उनमें से रैयत कृषकों की संख्या 634 तथा गैर रैयत कृषकों की संख्या 132 है. रजिस्ट्रेशन कराने वालों में सबसे अधिक 229 किसान नावानगर प्रखंड के हैं, जबकि 155 आवेदन के साथ इटाढ़ी के किसान दूसरे तथा 83 आवेदन के साथ राजपुर प्रखंड के किसान तीसरे पायदान पर हैं. लेकिन जिले में महज 46 किसानों से गेहूं की खरीदारी की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है