बक्सर
. जिले में कृषि विभाग के अंतर्गत कार्यरत आत्माकर्मियों को बीते मार्च महीने से अब तक मानदेय और वेतन नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. लंबे समय से वेतन न मिलने से कर्मियों की स्थिति इतनी खराब हो गयी है कि कईयों के बैंक लोन एनपीए में तब्दील हो चुके हैं. कर्मियों ने बताया कि चार महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद किसी भी स्तर पर मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. बच्चों की स्कूल फीस, राशन, मकान किराया तक देना मुश्किल हो गया है. बकायेदार रोजाना भुगतान की मांग कर रहे हैं, जिससे मानसिक तनाव भी बढ़ गया है. इतना ही नहीं, अधिकारियों को स्थिति की जानकारी होने के बावजूद किसान चौपाल, बीज वितरण, फार्मर रजिस्ट्री जैसे कार्यों के लिए कर्मियों को फील्ड में लगाया जा रहा है, उसका खर्च भी जेब से उठाना पड़ रहा है. बिना संसाधन और सहयोग के कर्मियों से लॉ एंड ऑर्डर जैसे प्रशासनिक कार्य भी कराए जा रहे हैं. कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया कि जब वे कार्यालय से संपर्क करते हैं, तो कहा जाता है कि योजना अभी स्वीकृत नहीं हुई है, स्वीकृति के बाद ही भुगतान होगा.कर्मियों का सवाल है कि जब भुगतान नहीं हो रहा, तो उनसे जबरन काम क्यों करवाया जा रहा है.आत्मा कर्मियों ने जिला प्रशासन से अविलंब हस्तक्षेप कर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की है ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें और बिना मानसिक तनाव के किसान हित में कार्य कर सकें. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जो 60 प्रतिशत अंशदान मिलता है. वह अभी नहीं मिला है. उम्मीद है कि इस माह में केंद्र सरकार द्वारा अंशदान की राशि प्राप्त हो जायेगा. उसके बाद कर्मियों के मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है