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एक्सपायर्ड सिलिंडर से हो सकता है बड़ा हादसा, जानें कैसे पहचान सकेंगे एक्सपायरी डेट, बरतें ये सावधानी

LPG Cylinder: पेट्रोलियम कंपनियां सुरक्षा के नाम पर काफी सचेत रहती है, इसके चलते खराब या एक्सपायरी सिलिंडर को एजेंसियों में नहीं भेजा जाता है, बल्कि उनसे बेहतर काम के लिए मरम्मत के लिए भेज दिया जाता है.

बिहार की राजधानी पटना समेत प्रदेश के अन्य जिलों में घरेलू गैस के लीकेज से आग लगने और सिलिंडर फटने की घटनाएं आये दिन देखने-सुनने को मिल रही हैं. यहां घरेलू गैस के उपयोग में सावधानी बरतने की जरूरत होती है. ऐसे में एक्सपायर्ड हो चुके गैस सिलेंडर के उपयोग में तो और भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है, कहीं ऐसा न हो कि आपके घर में सप्लाई हो रहा गैस सिलिंडर एक्सपायर्ड हो और आप आंख मूंद कर उसका इस्तेमाल कर रहे हों, इसलिए कनेक्शन के समय ही सिलिंडर को देख कर यह पड़ताल कर लेनी चाहिए कि वह एक्सपायरी डेट का तो नहीं है.

सिलिंडर लेते समय देखें एक्सपायरी डेट

दरअसल, जिस तरह खाने-पीने के सामान और दवाओं पर एक्सपायरी डेट छपा होता है, ठीक उसी तरह से सभी गैस सिलिंडर पर भी एक्सपायरी डेट लिखी होती है. इसलिए सिलिंडर के डिलीवरी के समय या गोदाम एजेंसी से लाने के दौरान, सिलेंडर पर एक्सपायरी डेट देख कर ही उसे घर लाएं. क्योंकि, थोड़ी सी लापरवाही किसी बड़ी घटना का कारण बन सकती है. ऑयल एंड नेचुरल गैस मंत्रालय कोझिकोड़ में काम करने वाले और शहर के वार्ड एक निवासी विवेक उपाध्याय ने बताया कि गैस कंपनियों की ओर से सप्लाई किया जाने वाला सिलिंडर कभी-कभी एक्सपायर्ड भी होता है और जाने-अनजाने में वही सिलिंडर किचन तक भी पहुंच जाता है. सिलिंडर देते समय अधिकतर वेंडर लीकेज चेक नहीं करते और न ही ग्राहक इसकी मांग वेंडर से करते हैं, इससे आग लगने और विस्फोट की घटना होने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

लीकेज की जांच कराना न भूलें

इस परिस्थिति में हमें इस बात को लेकर अवश्य आश्वस्त होना चाहिए कि कंपनियों की ओर जो सिलिंडर दिये जा रहे हैं, वह एक्सपायर्ड तो नहीं, वेंडर लीकेज चेक कर सिलेंडर देते हैं या नहीं साथ ही हमें भी नियमित रूप से रेग्युलेटर, पाइप व नॉब की जांच कर लेनी चाहिए व उसमें खराबी होने पर उसे तुरंत बदल देना चाहिए. जब भी आप एजेंसी से या फिर डिलीवरीमैन से गैस सिलिंडर लें तो उस पर लिखी हुई एक्सपायरी डेट देखना कभी भी ना भूलें. उन्होंने बताया कि, किसी भी सिलिंडर की एक्सपायरी डेट खत्म होने के बाद उसमें लगे सील की पकड़ कमजोर होने लगती है और गैस लीक होने लगती है, इस कारण सिलेंडर फटने का डर बना रहता है. खास तौर पर गैस सिलिंडर के लीकेज की जांच करना तो बिल्कुल भी ना भूलें. क्योंकि, कई बार गैस सिलिंडर नीचे की ओर गले हुए होते हैं और गली हुई जगह से भी गैस लीक होने लगती है.

इस तरह पहचाना जा सकता है एक्सपायरी डेट

कैमूर शहर के नागा बाबा गैस एजेंसी के मालिक प्रतीक सिंह ने बताया कि एक्सपायरी डेट एक कोड में लिखी होती है और इसी कोड में सिलेंडर के एक्सपायर होने का महीना और साल लिखा होता है. दरअसल, गैस कंपनियां पूरे वर्ष को चार हिस्सों में बांट देती हैं, जनवरी-फरवरी-मार्च तक के लिए (ए) अप्रैल-मई-जून के लिए (बी), जुलाई-अगस्त-सितंबर के लिए (सी) और अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर के लिए (डी) कोड लिखा होता है. उदाहरण के तौर पर अगर गैस सिलिंडर पर बी 25 कोड अंकित है, तो इसका मतलब यह हुआ कि वह गैस सिलिंडर बी यानी अप्रैल-मई-जून में 2025 को एक्सपायर हो जायेगा. उनका कहना था कि पेट्रोलियम कंपनियां सुरक्षा के नाम पर काफी सचेत रहती है, इसके चलते खराब या एक्सपायरी सिलिंडर को एजेंसियों में नहीं भेजा जाता है, बल्कि उनसे बेहतर काम के लिए मरम्मत के लिए भेज दिया जाता है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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