गोपालगंज. मीरगंज के विनीता कुमारी (सामाजिक कारणों से नाम बदला हुआ) की शादी मोतिहारी में तय था. लड़का व्यसायी था. 14 अप्रैल को तिलक था. इस बीच लड़की ने युवक के सिविल स्कोर की जांच कर दी. काफी खराब सिविल स्कोर रहने पर उसने शादी से इंकार कर दिया, जबकि बरौली की एक युवती की शादी एजुकेशन लोन के कारण नहीं हो सकी. समाज में यह बदलाव का असर है. पहले जन्मकुंडली की प्रधानता थी. अब कुंडली के साथ मेडिकल चेकअप के बाद शादी करने की कड़ी में सिविल स्कोर शामिल हो गया है. युवतियों में विवाह से पहले होने वाले साथी का सिविल स्कोर जांचना तेजी से बढ़ रहा है. बैंकों में भी जुगाड़ लगा कर स्कोर को जांचा जा रहा है. आर्थिक मामलों के जानकार दिग्विजय नारायण सिंह ने बताया कि यह बदलाव कई मायनों में काफी आवश्यक है. जीवन में आगे बढ़ने के लिए कर्ज से मुक्ति भी जरूरी है. सिविल स्कोर के ठीक रहने से जीवन बेहतर रहने की कल्पना की जा रही है.
क्या होता है सिविल स्कोर
सिविल स्कोर किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री का मूल्यांकन करता है, जो 300 से 900 के बीच होता है. उच्च सिविल स्कोर (750) व्यक्ति की वित्तीय स्थिरता और समय पर ऋण चुकाने की क्षमता को दर्शाता है. लोग ज्यादा कर्ज अथवा कम सिविल स्कोर पर रिश्ते से दूरी बना रहे हैं.मुफ्त में सिविल स्कोर चेक करें
लीड बैंक के प्रबंधक जितेंद्र कुमार जमुआर ने बताया कि सिविल स्कोर चेक करने के कई तरीके हैं. क्रेडिट स्कोर चेक करने का सबसे आसान तरीका है CRED की वेबसाइट – cred.club या CRED एप पर जाना और ”चेक क्रेडिट स्कोर” पर क्लिक करना है. इसके बाद अपना नाम, पैन कार्ड के हिसाब से जांच जा रहा है. आप पैन कार्ड से मुफ्त में अपना क्रेडिट स्कोर जान (Check CIBIL Score by PAN for Free) सकते हैं. मुफ्त में सिविल स्कोर चेक (CIBIL Score Check) करने के लिए अपनी बुनियादी जानकारी जैसे- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, जन्म तिथि, पिन कोड और इ-मेल समेत पैन कार्ड की आवश्यकता होगी.युवक भी ले रहे एजुकेशन लोन का ब्योरा
युवतियां द्वारा युवकों का सिविल स्कोर चेक करने के साथ ही युवक भी शादी से पहले लड़की पर एजुकेशन लोन जांच रहे हैं, ताकि शादी के बाद लोन उन्हें न चुकाना पड़े. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए मुश्किल हो सकती है.वित्तीय पारदर्शिता की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि विवाह जैसे महत्वपूर्ण निर्णय में वित्तीय पारदर्शिता आवश्यक है. सिविल स्कोर की जांच से न केवल वर्तमान ऋण और देनदारियों की जानकारी मिलती है, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि व्यक्ति अपने वित्तीय दायित्वों को कितनी गंभीरता से लेता है.यह भी उठ रहे सवाल
– सामाजिक ढांचे पर क्या आर्थिक दबाव बढ़ने लगा.– युवकों को युवती के बारे में जानने का क्यों नहीं है अधिकार.
-पाश्चात्य संस्कृति का तो नहीं हो रहा असर.एक-दूसरे को समझने का अवसर
विशेषज्ञ निलेश त्रिपाठी ने बताया कि आर्थिक सुदृढ़ता के लिए ही सिविल स्कोर जांचा जाता है. हालांकि यह अभी शुरुआती दौर में है, पर यह धीरे-धीरे बढ़ेगा. परिजन के साथ युवाओं को भी आर्थिक रूप से एक-दूसरे को समझने का अवसर मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है