Bihar Crime: गोपालगंज के श्रीपुर थाने के मगहा गांव में शुक्रवार की रात बथान में सोये दिव्यांग सब्जी कारोबारी की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गयी. वारदात के बाद अपराधी फरार हो गये. मृतक कारोबारी की पहचान मगहा गांव निवासी लक्ष्मी निवास सिंह (45 वर्ष) के रूप में की गयी है. सूचना मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गयी और लोगों की भीड़ जुट गयी. वहीं, सूचना मिलने पर हथुआ एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता, श्रीपुर थानाध्यक्ष नेहा कुमारी और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम के साथ मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी.
खून से लथपथ शव देख चीख-पुकार मच गयी
बताया जाता है कि लक्ष्मी निवास सिंह रोज की तरह अपने बथान में रात को सोये हुए थे. उसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने सोते समय धारदार हथियार से उनका गला रेत कर हत्या कर दी. शनिवार की सुबह जब परिवार के लोग बथान पहुंचे तो खून से लथपथ शव देख चीख-पुकार मच गयी. आसपास के ग्रामीण भी घटनास्थल पर जुट गये और सूचना पुलिस को दी गयी. एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. एफएसएल टीम ने भी साक्ष्यों को एकत्रित किया. हत्या का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है.
मगहा में पुलिस का कैंप, गतिविधियों पर नजर
परिजनों का कहना है कि रामविलास की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. वे वर्षों से सब्जी का कारोबार कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है. इसके साथ ही आसपास के लोगों से पूछताछ कर जानकारी जुटायी जा रही है. गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है. एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता ने बताया कि यह एक जघन्य अपराध है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जायेगा. डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया है. स्थानीय लोगों में घटना को लेकर भारी आक्रोश है.
प्रवचन सुनकर लौटे थे लक्ष्मी निवास
लक्ष्मी निवास सिंह की हत्या ने सुरक्षा-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं. फिलहाल पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है और अपराधियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक गांव में ही यज्ञ हो रहा है, जिसमें प्रवचन सुनने के बाद मृतक लक्ष्मी निवास सिंह अपने बथान में सोने आ गये थे. इसी बीच अज्ञात हमलावरों ने मौके का फायदा उठाकर घटना को अंजाम दिया. उधर, घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.