राकेश कुमार/ World Environment Day: गोपालगंज जिले के श्रीपुर कांटा गांव निवासी वशिष्ठ शर्मा की शादी की रस्में रातभर चलीं. गुरुवार की सुबह जब वे अपनी पत्नी निधि शर्मा के साथ घर पहुंचे तो घर की महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से मुंह दिखाई की रस्म निभानी चाही. लेकिन इस बार दुलहन निधि ने इस रस्म को खास बनाने का निश्चय किया. दुल्हन ने सास, ससुर, ननद और पति से कहा कि उपहार की जगह पौधे लगाकर इस मौके को यादगार बनाया जाये. परिजनों ने भी इस पहल को खुले दिल से स्वीकारा और तुरंत स्थानीय नर्सरी से ग्यारह पौधे मंगवाकर घर के आंगन एवं परिसर में लगवाया गया. इनमें पीपल, बरगद, नीम, आम, अमरूद, नींबू जैसे फलदार पौधे के साथ-साथ छायादार पौधे भी शामिल है.
श्रीपुर कांटा की दुल्हन बनी पर्यावरण की मित्र
दुल्हन ने खुद पौधे लगाए और परिवार के अन्य सदस्यों से भी लगवाए. दुल्हन निधि शर्मा ने कहा कि कोरोना काल ने हमें ऑक्सीजन के महत्व को बेहद करीब से समझाया है. जब दुनिया सांसों के लिए संघर्ष कर रही थी तब पेड़-पौधों की असल अहमियत सामने आयी. अगर आज भी हम नहीं जागे तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी. इतना ही नहीं, निधि ने अपने पति वशिष्ठ शर्मा से यह संकल्प भी लिया कि अब हर शुभ अवसर या पर्व-त्योहार पर वे एक-एक पौधा जरूर लगाएंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे.
हमारा समाज और पर्यावरण दोनों ही सुरक्षित होगा
ग्रामीणों ने कहा कि आमतौर पर नयी दुल्हनें आभूषण और उपहार को प्राथमिकता देती हैं, लेकिन निधि की सोच ने साबित कर दिया कि बेटियां केवल परिवार ही नहीं समाज को भी दिशा देने की क्षमता रखती हैं. श्रीपुर कांटा गांव में निधि शर्मा की इस पहल की चर्चा हर चौक-चौराहे पर हो रही है. लोग इसे अनुकरणीय बताते हुए कह रहे हैं कि यदि हर बेटी ऐसी सोच लेकर अपने नए जीवन की शुरुआत करे तो हमारा समाज और पर्यावरण दोनों ही सुरक्षित हो सकते हैं.
छोटे कदम ने बड़े बदलाव की रखी नींव
निधि शर्मा की यह पहल न सिर्फ समाज को प्रेरित कर रही है बल्कि यह साबित करती है कि सकारात्मक सोच और छोटे कदम भी बड़े बदलाव की नींव रख सकते हैं. यह सोच सुनकर परिवारजन भावुक हो उठे और पूरे गांव में इस पहल की सराहना होने लगी.