गोपालगंज. मॉडल सदर अस्पताल में शुक्रवार की रात एक चौंकाने वाला मामला सामने आया. सड़क दुर्घटना में घायल तीन मरीजों को सीटी स्कैन के लिए भेजा गया था, लेकिन स्कैन सेंटर के कर्मचारियों ने उनकी हालत गंभीर बताकर निजी एंबुलेंस मंगा ली और गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का दबाव बनाते हुए रेफर करने लगे. इस पर मरीजों के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. जानकारी के अनुसार, फुलवरिया निवासी संतोष साह, बेतिया के एमडी अब्दुलाह और अनीष मियां को इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए लाया गया था. डॉक्टर द्वारा सिर में चोट होने के कारण सीटी स्कैन के लिए भेजा गया था. सीटी स्कैन सेंटर के कर्मियों ने बिना डॉक्टर की अनुमति के उन्हें रेफर कर दिया. जब अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को इसकी सूचना मिली तो डॉक्टरों ने मरीजों को रेफर किये जाने से साफ इंकार किया. इससे मामला और गरमा गया. हंगामे की सूचना पर अस्पताल प्रबंधक जान मोहम्मद मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत कर उन्हें शांत कराया. उन्होंने बताया कि तीन में से दो मरीज पहले ही गोरखपुर जा चुके थे, जबकि तीसरे मरीज संतोष साह को दोबारा डॉक्टर से दिखाकर सरकारी एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. इस घटना ने अस्पताल में निजी एंबुलेंस के दबदबे और दलालों की सक्रियता की पोल खोल दी है.
निजी एंबुलेंस से भरा था अस्पताल परिसर :
निजी एंबुलेंस चालक अस्पताल परिसर में अवैध रूप से पार्किंग किये हुए है. सीटी स्कैन सेंटर से मिलीभगत कर मरीजों को निजी अस्पताल रेफर किया जा रहा है, जिससे इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टरों की छवि खराब हो रही है. अस्पताल प्रशासन की उदासीनता और सुरक्षा गार्ड की लापरवाही के कारण निजी एंबुलेंस चालक बेधड़क अस्पताल परिसर में घूम रहे हैं.मौत होने पर सीटी स्कैन, चल रही जांच :
सदर अस्पताल में कुछ दिन पहले भी लापरवाही का मामला सामने आया था, जब एक महिला की मौत के बाद ही सीटी स्कैन के लिए लिखा गया था. उस मामले में भी जांच जारी है और संबंधित डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच कराने की बात कह रहे हैं. वहीं, अस्पताल में लगातार हो रही इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर रही हैं. .डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है