कटेया. प्रखंड के दर्जनों गांव इन दिनों गंभीर बिजली संकट से जूझ रहे हैं. लगातार बिजली कटौती और अनियमित आपूर्ति के चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. भीषण गर्मी और उमस के बीच लोग राहत के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि 24 घंटे में मुश्किल से 10 से 12 घंटे बिजली मिलती है, जबकि कई गांवों में यह आपूर्ति घटकर 4 से 6 घंटे ही रह गयी है. वहीं तेज गर्मी और उमस के इस मौसम में बिजली कटौती ने लोगों की नींद और दिनचर्या दोनों छीन ली है. रात में बिजली गुल होने से लोगों को ठीक से सोना भी नसीब नहीं हो रहा. पंखा और कूलर केवल शोपीस बनकर रह गये हैं. महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे सबसे अधिक परेशान हैं. बिजली का इंतजार करते हुए लोग गर्मी से जूझते रहते हैं. बिजली संकट का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ा है. ऑनलाइन पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी दोनों ही प्रभावित हो रही हैं. छात्र समय पर पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर पा रहे. वहीं, किसान भी इस संकट से अछूते नहीं हैं. धान की फसल की सिंचाई के लिए किसान बिजली चालित पंप का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बिजली नहीं होने से खेतों की सिंचाई समय पर नहीं हो पा रही है, जिससे फसल सूखने की कगार पर है.
इन गांवों में हालत सबसे खराब
नटवा, लोहटी, भगवती नगर, रामदास बगही, सोनबरसा, डुमरिया, मालपुरा और परिवध सहित कई गांवों में बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहद खराब है. इन गांवों में बिजली की आपूर्ति पंचदेवरी पीएसएस से होती है. ग्रामीणों ने कई बार बिजली विभाग को शिकायत दी, लेकिन समाधान नहीं हो पाया. अब लोग चेतावनी दे रहे हैं कि यदि बिजली आपूर्ति में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो वे प्रदर्शन और धरना देंगे. इस संबंध में जेइ अजीत कुमार ने कहा कि 33 केवी लाइन की सप्लाइ करीब 65 किलोमीटर दूर से आती है. जर्जर तार और पोल के सहारे बिजली आपूर्ति की जाती है. ओवरलोड और तकनीकी कारणों से बार-बार बाधा उत्पन्न हो रही है. मरम्मत और लाइन अपग्रेडेशन का कार्य जारी है, जल्द स्थिति सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है