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gopalganj news : सरकारी गेहूं खरीद को नहीं मिल रहा किसानों का समर्थन

gopalganj news : समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के 34 दिन बाद भी तीन प्रखंडों में खरीद शून्य, 4470 टन लक्ष्य के बदले महज 38 किसानों से 156 टन गेहूं खरीद सका विभाग, कोन्हवां पैक्स ने महज एक दिन की 10 क्विंटल गेहूं की खरीदारी, विभाग चिंतित

गोपालगंज. जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीदी शुरू हुए 34 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तीन प्रखंडों में सरकारी खरीद केंद्रों में एक दाना गेहूं भी नहीं पहुंचा है.

जिले के पंचदेवरी, बरौली, कटेया प्रखंडों में क्रय केंद्रों को किसानों ने नकार दिया है. वहीं दूसरी ओर बाजार दर पर बिक्री के लिए जिले की मंडियों में गेहूं की आवक जोरों पर है. मंडियों में गेहूं की बिक्री ज्यादा हो रही है, जबकि एक अप्रैल से गेहूं खरीद प्रारंभ हुई है, जो 15 जून तक चलेगी. लेकिन खबर लिखने तक सहकारिता विभाग ने 4470 टन लक्ष्य के बदले महज 38 किसानों से 156 टन गेहूं खरीद सका है. यूं कहें कि गेहूं खरीद की रफ्तार कछुए की चाल से भी धीमी लग रही है. वैसे तो कछुआ भी धीरे-धीरे लक्ष्य तक पहुंच जाता है, लेकिन इस बार भी पिछले वर्षों की तरह लक्ष्य तक पहुंचने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है.

कोन्हवां पैक्स में 10 क्विंटल गेहूं की हुई खरीद

कोन्हवां पैक्स अध्यक्ष उदयमल चौधरी के काफी प्रयास के बाद 10 क्विंटल गेहूं की खरीदारी हो सकी है. गेहूं खरीदने के लिए डीसीओ गेंधारी पासवान, एसएफसी के डीएम लल्लू कुमार बीसीओ नीरज कुमार पहुंच कर खरीदारी का शुभारंभ कराया. किसान को माला पहना कर उनका गेहूं खरीदा गया. गेहूं बेचने आये किसानों का कोड नहीं खुलने के कारण सहकारिता विभाग परेशान है.

किसान मंडियों को प्राथमिकता दे रहे

स्थिति यह है कि सरकार किसानों से धान क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं बेचने की अपील कर रही है, लेकिन किसान अपने ही रंग में हैं. उनका कहना है कि जब निजी व्यापारियों से सरकारी दर से बेहतर मूल्य मिल रहा है, तो वे सरकार को गेहूं क्यों बेचें? बोनस देने की बात अगर की जाये, तो सोचा जा सकता है. सरकार केवल इस बात को अपनी उपलब्धि बता रही है कि इस वर्ष केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 150 रुपये की बढ़ोतरी की है.

बाजार में 25-26 सौ रुपये है गेहूं का रेट

कटेया के अमेया पैक्स अध्यक्ष विकास तिवारी का कहना है कि किसान गेहूं निजी व्यापारियों को बेच रहे हैं. व्यापारी खुद खेतों में जाकर किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं. प्राइवेट बाजार में गेहूं का भाव 2500 से 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है, जबकि सरकार का समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल है. ऐसे में किसान घाटे की कारोबार क्यों करें.

किसानों से क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने की अपील

डीसीओ गेंधारी पासवान ने किसानों से अपील की कि किसान अपने करीब के सरकारी क्रय केंद्र पर ही गेहूं बेचें. इससे सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ होगा.

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