गोपालगंज. व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सुलह और समझौते के आधार पर कुल 1892 मामलों का निष्पादन किया गया. इस दौरान कुल 2 करोड़ 71 लाख 59 हजार 617 रुपये की राशि पर सेटलमेंट हुआ.
1354 आपराधिक सुलहनीय वादों का हुआ निष्पादन
इस लोक अदालत में सबसे अधिक 1354 आपराधिक सुलहनीय वादों का निष्पादन किया गया. न्यायालय परिसर में आयोजित इस लोक अदालत में कुल 22,319 मामलों को निष्पादन के लिए सूचीबद्ध किया गया था.
सबसे ज्यादा आये बैंक से संबंधित वसूली के मामले
इनमें से सबसे ज्यादा 18,700 मामले बैंक से संबंधित वसूली मामलों के थे. अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन के लिए कुल 14 पीठों का गठन किया गया, जिनमें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सब-जज, न्यायिक पदाधिकारी, पैनल अधिवक्ता और कर्मचारी तैनात किये गये थे.
दी प्रज्वलन से हुआ उद्घाटननये न्यायालय भवन के ग्राउंड फ्लोर पर आयोजित लोक अदालत का उद्घाटन परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश धीरेंद्र बहादुर सिंह, उप विकास आयुक्त निशांत कुमार विवेक, पुलिस अधीक्षक नवजोत सिमी, जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार मिश्र और महासचिव मनोज कुमार मिश्र ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय दिलाना है. उन्होंने कहा कि जब समाज के प्रबुद्ध लोग इस पहल में सहयोग देंगे, तभी लोक अदालत अपने लक्ष्य में पूरी तरह सफल होगी. लोक अदालत में अपर जिला न्यायाधीश स्तर के कई न्यायिक पदाधिकारी, सब-जज, बैंक अधिकारी, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि, अधिवक्ता, और सैकड़ों की संख्या में पक्षकार शामिल हुए. सभी पीठों ने त्वरित सुनवाई कर वादों का निष्पादन कराया. राष्ट्रीय लोक अदालत के इस सफल आयोजन से यह स्पष्ट हो गया कि यदि सभी पक्ष सहयोग करें, तो न्यायिक प्रक्रिया को सरल, सुलभ और तेज बनाया जा सकता है. लोक अदालतें न्यायिक बोझ को कम करने के साथ ही आम नागरिकों को राहत देने का एक सशक्त माध्यम बन रही हैं.
आपराधिक सुलहनीय वाद
लोक अदालत में कुल 3566 आपराधिक सुलहनीय वाद प्रस्तुत किये गये थे, जिनमें से 1354 मामलों का निपटारा आपसी सुलह से किया गया. इन मामलों में कुल 14 लाख 27 हजार 475 रुपये का सेटलमेंट हुआ.
बैंक व अन्य संबंधित वाद
बैंक से जुड़े 18700 मामलों में से 485 मामलों का आपसी सुलह और समझौते के आधार पर निष्पादन हुआ, जिनमें 2 करोड़ 51 लाख 5 हजार 592 रुपये का समझौता किया गया. अन्य वादों में बीएसएनएल से जुड़े पांच मामले, नगर परिषद से जुड़े 16 मामले, एसडीएम कार्यालय से जुड़े पांच मामले, महिला हेल्पलाइन से जुड़े 16 मामले, विद्युत विभाग के दो मामले, वैवाहिक विवाद से जुड़े आठ मामले, एमएसीटी वाद का एक मामला, इन सभी मामलों का निष्पादन शांतिपूर्ण ढंग से किया गया.
17 वर्षों से चल रही नफरत को आपस में गले मिलकर किया खत्म
एसीजेएम अजय कुमार की पीठ में वर्ष 2008 में मारपीट और चोरी की घटना के बाद दो पक्षों के बीच नफरत लोक अदालत में खत्म हो गया. दोनों पक्ष आपस में गले मिले और केस को वापस लिया. बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के फैजुल्लाहपुर गांव के रामचंद्र राय की पत्नी कलावती देवी के बयान पर दर्ज केस में कुर्की जब्ती तक की कार्रवाई हो चुकी थी. केस के दरम्यान दो अभियुक्तों कोपिल राय और धर्मनाथ राय की मौत भी हो गयी थी. जबकि सुदर्शन राय, बालेश्वर राय, देवराजी राय, सीता राय, अमलेश राय और चनेसर राय अभियुक्त थे. अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी और अधिवक्ता अनुपमा कुमारी के सहयोग से दोनों पक्ष आपस में सुलह कर लिया. वहीं सरकारी अस्पताल में आयुष के चिकित्सक डॉ आफताब आलम ने स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार झा के खिलाफ 24 अगस्त 2019 को कान पर मारने और सोने की चेन व घड़ी छिनने के मामले में अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी की पहल पर आपसी सुलह-समझौता से केस को समाप्त कर लिया.
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