गोपालगंज. मोरवा मचावे जइसे सोरवा गरज सुनि, प्यारी छपटाली राही देखि के बिदेसिया…गीत के बोल जब गूंजे, तो स्त्री की विरह वेदना व पलायन की समस्या ने सबको झकझोर दिया. मौका था थावे महोत्सव के मंच पर भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर के नाटक बिदेशिया के मंचन का.
कलाकारों ने अपने अभिनय से सबको किया प्रभावित
नामचीन निर्देशक व निर्माण कला मंच, पटना के संजय उपाध्याय के निर्देशन में बिदेशिया नाटक की जीवंत नाट्य की प्रस्तुति से कलाकारों ने महिलाओं, गांवों में रहने वाले गरीब लोगों से संबंधित सामाजिक मुद्दों को उठाया. वहीं, प्यारी सुंदरी नामक नायिका के माध्यम से उस समय की महिलाओं की मनोदशा का चित्रण किया, जिनके पति रोजी-रोटी की तलाश में शहर गये हैं. कलाकारों ने संगीत, गीत और प्रस्तुति के माध्यम से दर्शकों को सार्थक कार्य करने और मानव जीवन में पूर्ण आत्मविश्वास रखने के लिए प्रेरित किया. एक-एक कलाकार ने अपने अभिनय से सबको प्रभावित किया. राजू मिश्रा ने विदेशी की भूमिका निभायी, तो शारदा सिंह ने प्यारी सुंदरी के किरदार को जीवंत किया. रखेलिन की भूमिका में विनीता सिंह, बटोही के रूप में डॉ इंद्रदीप चंद्रवंशी, देवर के रूप में स्पर्श मिश्रा ने दमदार अभिनय से मन मोहा. इसके अलावा कुमार उदय सिंह, अभिषेक राज, मुकेश कुमार, कुमार उदय सिंह, मो ज़फ्फर, कृष्णा कुमार, पुरुषोत्तम कुमार,शारदा सिंह, कृष्णा कुमार, मुकेश कुमार, रोहित चंद्रा, राजेश रंजन, अरविंद कुमार, मो. नूर, दीपक कुमार, प्रकाश, विनय कुमार, जीतेंद्र कुमार जीतू, यश राज रौशन, मो ज़फ्फर, डॉ शैलेंद्र ने मंचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
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