गोपालगंज. यह चौंकाने वाला तथ्य है कि गोपालगंज शहर को स्वच्छ रखने के लिए प्रतिमाह करीब 20 लाख रुपये खर्च किया जाता है. अपने शहर में नेशनल स्वच्छता के सर्वे के लिए टीम मौजूद है. केंद्रीय शहरी मंत्रालय की टीम अपने लोकेशन के आधार पर सर्वे कर रही है. जबकि, प्रभात खबर की टीम ने भी शहर को स्वच्छ व स्मार्ट सीटी बनाने के प्रति लोगों की भावनाओं को टटोला, तो लोगों में गुस्सा दिखा.
उनमें एक कसक दिखा कि नवंबर से फरवरी तक पहली बार चार माह तक जिले की आबोहवा खराब रही. एक्यूआइ 250 से 370 के बीच बना रहा. आपने शहर में मुख्य सड़कों से लेकर गली-मुहल्लों तक कचरे का अंबार लगा हुआ है. इस प्रकार प्रधानमंत्री का अभियान नारों एवं घोषणाओं तक सिमट कर रह गया. गांधी जयंती पर शहर में तामझाम के साथ शुरू किये गये इस अभियान से न आम जनता जुड़ पायी और न ही सरकारी एवं गैरसरकारी संस्थाओं ने इसे गंभीरता से लिया. नतीजा है कि अपना शहर बीमार होकर रह गया है. भले ही नेशनल स्वच्छता सर्वे में जो अंक मिले. शहर के लोगों को भी इस बात का मलाल है कि अपना शहर भी स्वच्छ व स्मार्ट बने. इसके लिए शहर के लोगों को भी आगे आकर सहयोग करने की जरूरत है.न जनता जागी न जनप्रतिनिधि हुए सजग
धीर-धीरे स्वच्छ भारत अभियान आगे बढ़ता गया. अब तो 11 साल बीत गये, पर अभियान को लेकर न जनता जागी और न जनप्रतिनिधि सजग हुए. अभियान की शुरुआत होने पर सांसद हों या विधायक या फिर वार्ड पार्षद, सभी सक्रिय दिखे. मगर दो कदम चलने के बाद ही सो गये. ग्रास रूट पर वार्ड पार्षदों पर अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी थी. लेकिन, वे अपनी जवाबदेही नहीं निभा पाये. वार्डों की सफाई से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े वार्ड पार्षद अभियान से नहीं जुड़ पाये. विधायक एवं सांसद ने अभियान शुरू होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अभियान के प्रति जोश दिखाया. सड़कों पर झाड़ू लगाये, फोटो खिंचवाये और जमकर वाहवाही लुटी. लेकिन, उनका जोश एक माह भी कायम नहीं रह सका.आम लोगों से नहीं जुड़ पाया स्वच्छता अभियान
स्वच्छ भारत अभियान से आम लोग नहीं जुड़ पाये, जबकि अभियान का मूल उद्देश्य आम लोगों को साफ-सफाई के प्रति सजग करना था. सरकार द्वारा जिलाधिकारी, डीडीसी, पंचायती राज पदाधिकारियों समेत अन्य विभागों को पत्र लिखकर अभियान चलाने को कहा गया था. नगर निगम एवं पीएचइडी ने अभियान की शुरुआत जरूर की, लेकिन वह महज उद्घाटन समारोह तक सीमित रहा. किसी ने भी अभियान से आम जनता को जोड़ने का ईमानदारी से प्रयास नहीं किया. नतीजा है कि आज भी अपना शहर बजबजा रहा है.एक नजर में नगर पर्षद की सफाई व्यवस्था
वार्ड की संख्या : 28घरों की संख्या : 38 हजार
डेली सफाई मजदूर : 205बबकट मशीन : 02ट्रिपर : 14
ट्रैक्टर ट्रॉली : 06जेसीबी : 02पोकलेन मशीन : 01सेक्शन कम जेटिंग मशीन : 01
वाटर टैंकर : 2सेक्शन मशीन : 01प्रभात खबर की अपील
शहर को स्वच्छ रखने में हर नागरिक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आइए मिलकर अपने शहर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाएं, गंदगी न फैलाएं और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाएं. स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का वक्त है. आपका छोटा-सा प्रयास शहर को स्मार्ट बना सकता है.
शहर को स्वच्छ बनाने में आप भी बनें जिम्मेदार नागरिक
– कचरे को कूड़ेदान में ही डालें, इधर-उधर न फेंकें- गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करें- नालियों में पॉलीथिन, थर्मोकोल व कचरा न फेंकें- घर से झोला लेकर ही बाजार जाएं, पॉलीथिन का करें त्याग- कचरे को जलाने के बजाय रिसाइकल करने का प्रयास करें
सार्वजनिक स्थानों की देखभाल में करें सहयोग
– सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी न फैलाएं, थूकने से बचें.– सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं.
– स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें.– अपने आसपास के इलाके को साफ रखें.- स्वच्छता के महत्व के बारे में दूसरों को जागरूक करें.
– बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें.– पानी का दुरुपयोग न करें.
– पानी की बर्बादी रोकने के लिए प्रयास करें.– पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें.
– हरियाली को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करें.स्वच्छता को अपनाएं
– स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. – स्वच्छता से स्वास्थ्य की रक्षा होती है.– स्वच्छता से हमारे शहर की सुंदरता बढ़ती है.
– स्वच्छता से बीमारियों का खतरा कम होता है.– स्वच्छता से पर्यावरण की रक्षा होती है.
– स्वच्छता से समाज में सकारात्मक बदलाव आते हैं.स्मार्ट सिटीज मिशन का उद्देश्य
स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देने का है, जो मूल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएं, अपने नागरिकों को एक सभ्य गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करे और एक स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण एवं ””स्मार्ट”” तरीके से संसाधनों का प्रयोग करें.दो टाइम हो रही शहर की सफाई : नप
शहर की दोनों टाइम सफाई हो रही है. घरों से कचरा उठाने के बाद सड़क पर फेंका जा रहा. कई लोग सड़क पर सफाई होने के बाद कुत्तों को लेकर निकलते हैं और सड़क पर शौच करा दे रहे. इससे चाह कर भी गंदगी खत्म नहीं हो पा रही. शहर के लोगों द्वारा कचरा फैलाया जा रहा. अगर आम नागरिक सहयोग नहीं करेंगे, तो शहर कैसे स्वच्छ बनेगा.राहुलधर दुबे, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद
आज से दिन में भी कूड़ा लेने जायेगा वाहन : चेयरमैन
सुबह-शाम शहर की सफाई व कचरे का उठाव हो रहा. दुकानों को कई लोग 10 बजे खोलते हैं और दुकान के कचरे को निकालकर सड़क पर फेंक रहे. अब दिन के 10 बजे के बाद भी नगर परिषद की कचरा उठाव गाड़ी शहर में दो मजदूरों के साथ जायेगी. दुकानदारों से अपील है कि वे अपनी दुकान में कचरा जमा करने के लिए डिब्बा रखें.हरेंद्र चौधरी, चेयरमैन, नगर परिषद
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