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Gopalganj News : इंजीनियरों ने सितंबर में ही स्कूल के रिपेयर वर्क को पूरा करने की शिक्षा विभाग में जमा करा दी थी रिपोर्ट

Gopalganj News : शिक्षा विभाग में बेंच व डेस्क खरीदने में धांधली का पटाक्षेप भी नहीं हुआ कि कागज में बने प्लस टू स्कूल के भवनों की रिपेयरिंग में शिक्षा विभाग के इंजीनियर बेनकाब हो गये हैं.

गोपालगंज. शिक्षा विभाग में बेंच व डेस्क खरीदने में धांधली का पटाक्षेप भी नहीं हुआ कि कागज में बने प्लस टू स्कूल के भवनों की रिपेयरिंग में शिक्षा विभाग के इंजीनियर बेनकाब हो गये हैं. प्रभात खबर के पास मिले साक्ष्यों में साफ है कि हथुआ के 12 उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, प्लस टू के भवन की रिपेयरिंग का वर्क ऑर्डर हेडमास्टर के साइन से जारी किया जाता है.

रिपेयरिंग का कार्य अब हुआ शुरू

हेडमास्टर से ही कार्यादेश प्राप्त कर 4.97 लाख रुपये का इंजीनियर ने एस्टिमेट बनाकर कागज में ही कार्य पूर्ण दिखा कर विभाग को भुगतान के लिए रिपोर्ट सौंप दी. यह दावा किया गया है कि यह कार्य जेइ कटेया, भोरे और कटेया के एइ निर्भय कुमार के पर्यवेक्षण में पूरा कराया गया है. आश्चर्य की बात यह है कि प्रभात खबर के खुलासे के साथ ही हथुआ प्रखंड के कबिलसवा के मिडिल स्कूल के भवन व लाइन बाजार के भवन में रिपेयरिंग का कार्य निर्माण एजेंसी की ओर से शुरू कर दिया गया है. फर्श में टाइल्स लगाने का काम मंगलवार को शुरू मिला. सवाल यहां यह है कि जब प्लस टू स्कूल के कमरों के रिपेयरिंग वर्क करने का एस्टिमेट था, तो अब मिडिल स्कूल के कमरे में रिपेयरिंग का कोरम पूरा करने का काम चल रहा है.

हथुआ के इन स्कूलों में मरम्मत का दावा

शिक्षा विभाग के जानकार सूत्रों ने बताया कि हथुआ के सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरवा कपरपुरा, हायर सीनियर सेकेंडरी स्कूल मछागर लक्षीराम, उच्च माध्यमिक विद्यालय जिगना जगन्नाथ, राजकीय मध्य विद्यालय मिर्जापुर, उच्च माध्यमिक विद्यालय बरईशर, कबिलसवां लाइन बाजार, शिव प्रताप इंटर कॉलेज कांधगोपी, सोहागपुर, साहुजैन प्लस टू स्कूल मीरगंज तथा प्रोजेक्ट गर्ल्स हाईस्कूल सह इंटर कॉलेज में मरम्मत का कार्य हेडमास्टर से 6 जून 2024 को कार्यादेश प्राप्त कर 4.97 लाख रुपये का कार्य पूर्ण दिखा कर विभाग को रिपोर्ट सौंपी गयी है.

स्कूल भवन बनाने के नियमों को समझें

स्कूल भवन के रिपेयरिंग वर्क कराने के लिए हेडमास्टर की अनुशंसा के बाद जेइ के द्वारा स्पॉट की जांच करने के बाद एस्टिमेट बनाया जाता है. उसके बाद सहायक अभियंता अनुशंसा करते हैं. उसके बाद कार्यपालक अभियंता की स्वीकृति के बाद एजेंसी को कार्य कराने के लिए सौंपा जाता है. कार्य भी जेइ की देखरेख में कराया जाता है. सहायक अभियंता व कार्यपालक अभियंता पर्यवेक्षण कर भुगतान की अंतिम अनुशंसा करते हैं. शिक्षा विभाग में नियमों का पालन कागज में पूरा कर लिया गया है. बिना साइट को देखे बिल बनाकर भुगतान के लिए रिपोर्ट कर दी गयी.

निष्पक्ष जांच में विभाग के अधिकारी तक पहुंचेगी आंच

विभाग के सूत्रों की मानें, तो शिक्षा विभाग के इस फर्जीवाड़े की निष्पक्ष जांच हो जाये, तो इंजीनियरों के अलावा विभाग के अधिकारियों तक जांच की आंच पहुंच जायेगी. बीइओ से लेकर आधारभूत संरचना के अधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं. अब देखना यह है कि जांच में एक्शन होता है या कुछ और.

हेडमास्टर ने फर्जीवाड़े का किया खुलासा

हथुआ प्रखंड के कबिलसवां के हेडमास्टर राम जन्म राम को जब स्कूल का भवन बनाये जाने व उसकी मरम्मत करने का वाउचर जमा करने की जानकारी मिली, तो उनके द्वारा अपने पत्रांक-02 दिनांक 07 मई को डीइओ को एक आवेदन देकर खुलासा किया गया कि उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में वर्ग एक से आठ तक के लिए भवन बना हुआ है. उसी में वर्ग 12वीं तक की क्लास चल रही है. कार्य एजेंसी के द्वारा फर्जी हस्ताक्षर करके कार्यादेश बना लिया गया और पेमेंट का दावा किया है.

डीइओ ने कहा, मामले की हो रही जांच

हथुआ के स्कूलों में रिपेयरिंग वर्क कागज में कराये जाने की बातें सामने आयी हैं. इसकी हाइ लेवल जांच हो रही है. आखिर कैसे बगैर स्पॉट पर गये एस्टिमेट बना व कार्य पूरा करने की रिपोर्ट आयी. दोषी जो भी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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