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Gopalganj News : गंडक नदी की बाढ़ से बचाव के कार्यों की उड़नदस्ते ने की जांच

Gopalganj News : गंडक नदी के उग्र धारा से बचाने के लिए जलसंसाधन विभाग की ओर से कराये जा रहे कार्य की जांच करने शुक्रवार को उड़नदस्ता पहुंचा.

सासामुसा. गंडक नदी के उग्र धारा से बचाने के लिए जलसंसाधन विभाग की ओर से कराये जा रहे कार्य की जांच करने शुक्रवार को उड़नदस्ता पहुंचा. कुचायकोट प्रखंड के भसहीं, विशम्भरपुर, भगवानपुर तक तटबंध की मरम्मत कार्यों को परखा. पटना से पहुंचे उड़नदस्ता व मुख्य अभियंता की टीम ने निरीक्षण किया.

डेंजर प्वाइंट पर विशेष ध्यान देने का निर्देश

निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया. डेंजर प्वाइंटों पर विशेष ध्यान देने, कार्य में और तेजी लाने तथा हर हाल में समय पर कार्य पूरा करने का सख्त निर्देश दिया गया. बता दें कि अधिकारियों की देखरेख में रवि तिवारी कंपनी के द्वारा कार्य कराया जा रहा है. मौके पर कार्यपालक अभियंता पवन कुमार, सहायक अभियंता एकता कुमारी, कनिष्ठ अभियंता राकेश झा व ग्रामीण मौजूद थे.

बचाव कार्य को 15 मई तक पूरा कराने की चुनौती

बता दें कि बांध के अलावा विशंभरपुर में कैंप कार्यालय के भी निर्माण पर सरकार का 3.5 करोड़ खर्च हो रहा है. यूपी के बॉर्डर अहिरौली दान से विशुनपुर के बीच बने गाइड बांध को सुरक्षित करने के लिए गैबियन, बेडवार व पार्कुपाइन से मजबूत किया जा रहा. पिछली बार आयी बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त स्पॉट को चिन्हित कर उसे रिस्टोर व मरम्मति का काम हो शुरू हो गया है. अभियंताओं की टीम यहां कैंप कर बचाव कार्यों को करा रही है. बीच-बीच में एक्सपर्ट व बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष भी निरीक्षण कर रहे. बांध पर बचाव कार्य के 15 मई तक काम को पूरा कराने की चुनौती भी होगा. यहां के बचाव कार्य शुरू होने से लाखों की आबादी को काफी राहत मिलेगी.

विशंभरपुर में कैंप कार्यालय से आसान होगी मॉनीटरिंग

जल संसाधन विभाग ने विशंभरपुर में स्थायी कैंप कार्यालय का निर्माण करा रही है. कैंप कार्यालय के साथ आराम करने के लिए कमरा, शौचालय, बाथरूम का भी निर्माण हो रहा. इससे बाढ़ के दिनों में वरीय अधिकारी भी यहां से रुक कर मॉनीटरिंग कर सकेंगे. कार्यालय में इंटरनेट से जुटा रहेगा. यहां से बाढ़ की अपडेट रिपोर्ट लेने व विभाग को भेजना भी आसान होगा. साथ ही आम लोगों को भी अलर्ट करना आसान होगा.

छह प्रखंडों में हर साल होती रही है तबाही

जिले के छह प्रखंड कुचायकोट, सदर, मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर प्रखंड के 3.64 लाख की आबादी बाढ़ के खतरे में रहता है. लोगों के जान-माल का खतरा बना रहता है. साल- दर- साल बाढ़ से दियारा के लोग बर्बाद होते रहे हैं. इस बर्बादी को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है.

कटाव से उजड़ चुके हैं ये गांव

गंडक नदी के कटाव से सदर प्रखंड के कटघरवा, मकसूदपुर, खाप, मेहंदिया, भोजली, रजवाही, धर्मपुर, निरंजना, कुचायकोट प्रखंड के विशंभर पुर, भसही, कला मटिहानी वार्ड नं एक, वार्ड नं तीन, हजाम टोली, अहीर टोली, टांड पर, बरौली प्रखंड के सिमरिया, रूप छाप, मोहदीपुर, पकडियां समेत 69 गांव उजड़ चुके हैं.

तटबंधों पर अंतिम दौर में पहुंचा काम : विभाग

सीवान डिवीजन के कार्यपालक अभियंता पवन कुमार से संपर्क करने पर उनके द्वारा बताया गया कि भसही में बेडवार को रिस्टोर किया जा रहा. यहां पार्कुपाइन डालकर नदी की धारा को तोड़ने का काम अब अंतिम दौर में पहुंच गया है. अधिकारियों ने जांच की है. उनके निर्देश के अनुरूप काम पूरा हो रहा है.

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