गोपालगंज. गोपालगंज में करीब 37 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे मॉडल सदर अस्पताल के नये भवन में दरारें आने के बाद जांच शुरू हो गयी है. जांच तब शुरू हुई, जब ‘प्रभात खबर’ में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई. इसके बाद बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) की टीम ने बुधवार को मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की.
टीम ने पाया कि दरारें बीम और कॉलम के पास उभरीं
बीएमएसआइसीएल के परियोजना प्रबंधक विकास कुमार और अन्य अधिकारियों ने भवन का निरीक्षण किया और पाया कि दरारें बीम और कॉलम के पास उभरी हैं. परियोजना प्रबंधक ने स्पष्ट किया कि यह भवन ‘फ्रेम स्ट्रक्चर’ तकनीक से बना है और फ्लाइ एश कंक्रीट के उपयोग के कारण बीम व कॉलम के पास मामूली हेयर क्रेक (पतली दरारें) आयी हैं. उन्होंने दावा किया कि इन दरारों की मरम्मत दो से तीन दिनों के भीतर कर दी जायेगी और भवन की संरचना पर इसका कोई गंभीर प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने दावा किया कि निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप कराया गया है.
पहले से ही जतायी जा रही थी चिंता
हालांकि, इस प्रकरण को लेकर पहले से ही चिंता जतायी जा रही थी. गोपालगंज के सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने पहले ही इस निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि इतनी बड़ी लागत से बन रहा सरकारी अस्पताल अगर उद्घाटन से पहले ही दरारों से भर जाये, तो यह स्पष्ट रूप से निर्माण में लापरवाही को दर्शाता है. बीएमएसआइसीएल के अधिकारियों के अनुसार, अस्पताल भवन का कार्य अब 30 जून तक पूरी तरह से फाइनल कर दिया जायेगा. इस बीच, निर्माण एजेंसी को निर्देश दिये गये हैं कि वे दरारों के मरम्मत कार्य को प्राथमिकता दें और दोबारा इस तरह की तकनीकी खामी न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाये.
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