गोपालगंज. चर्चित उद्योगपति रामाश्रय सिंह हत्याकांड में छह वर्षों की लंबी सुनवाई के बाद गुरुवार को प्रधान जिला जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की कोर्ट ने हत्या के लिए दोषी पाते हुए भोरे के बृजकिशोर सिंह उर्फ बुच्ची सिंह, विवेक सिंह, पूर्व उपप्रमुख अरुण कुमार मिश्र उर्फ पप्पू मिश्र व संजय मिश्र को उम्रकैद की सजा सुनायी. साथ ही 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह-छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा दी गयी.
अंतिम समय तक खुद को बेकसूर बताते रहे अभियुक्त
कोर्ट के सामने अंतिम समय तक अभियुक्त खुद को बेकसूर बताते रहे. अभियोजन की ओर से जिला लोक अभियोजक देववंश गिरि उर्फ भानु गिरि, एपीपी रामेश्वर सिंह कुशवाहा ने अपना पक्ष रखा. वहीं बचाव पक्ष से पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता राम विनय सिंह, वरीय अधिवक्ता प्रभुनाथ सिंह, मोहनीश कुमार शाही, परमेश पांडेय, मनीष किशोर नारायण ने अपना-अपना साक्ष्य व सबूत दिया. कोर्ट ने दोषी पाते हुए अपना फैसला सुनाया. इस हाइ प्रोफाइल केस पर जिले के लोगों की नजर टिकी हुई थी. हाइकोर्ट के आदेश पर स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई हुई. इस कांड में सुनवाई को लेकर कोर्ट की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था. कोर्ट के गेट से लेकर अंदर तक पुलिस हाइ अलर्ट मोड में रही.
सीआइडी जांच में भी आरोपितों को नहीं मिली राहत
रामाश्रय हत्याकांड में केस की जांच सीआइडी को भी सौंपी गयी. सीआइडी ने पूरे मामले को गंभीरता से जांच करने के बाद कांड में सभी आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट सौंप दी थी. आरोपितों को वहां भी राहत नहीं मिल सकी थी. अरेस्टिंग के दौरान पुलिस के समक्ष विशाल सिंह ने रामाश्रय सिंह की हत्या में अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया था. इसके बाद भी पुलिस उसके विरुद्ध साक्ष्य नहीं जुटा पायी.विशाल सिंह समेत सात साक्ष्य के अभाव में हुए थे बरी
प्रधान जिला जज के कोर्ट ने केस के ट्रायल में साक्ष्य के अभाव में कुख्यात विशाल सिंह, उसके गैंग के मनु सिंह, बीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ टाइगर, शंभु सिंह, प्रदीप यादव, तो साजिशकर्ता में प्रभुनाथ सिंह व अवधेश गोंड को बरी कर दिया.आरोपित अधिवक्ता की हो चुकी है मौत
रामाश्रय सिंह हत्याकांड के नामजद अभियुक्त रहे अधिवक्ता राघवेंद्र सिंह की मौत हो चुकी है. कोर्ट ने उनके खिलाफ केस को बंद कर दिया. कांड के सूचक हरिनारायण सिंह के द्वारा अधिवक्ता पर केस में साजिश का गंभीर आरोप लगाया था.13 जून 2019 को गोली मारकर हुई थी हत्या
उद्योगपति रामाश्रय सिंह को 13 जून 2019 को भोरे के खजुरहां में उनके ही निर्माणाधीन पेट्रोल पंप पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले को लेकर उनके बड़े भाई हरि नारायण सिंह ने भोरे थाने में कांड दर्ज कराया गया था. वहीं रामाश्रय सिंह हत्याकांड में इंसाफ की मांग को लेकर भोरे में एक पक्ष के लोग सत्याग्रह आंदोलन पर उतर आये. एक साल तक पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं होने पर जुलाई 2020 को भोरे में कैंडल मार्च, जस्टिस फॉर रामाश्रय का बैनर लेकर गांव-गांव में प्रभात फेरी निकाली गयी थी.अभी दो अभियुक्तों पर चल रहा ट्रायल
रामाश्रय सिंह हत्याकांड में अभी जिला जज आठ कुमार सुधांशु के कोर्ट में इस केस में राजू सिंह व विनय कुमार मिश्र पर ट्रायल जारी है.अब इस ट्रायल में भी शीघ्र ही फैसला आने की संभावना है. इस पूरे केस को पटना हाइकोर्ट के द्वारा मॉनीटरिंग की जा रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है