गोपालगंज. बिहार में हिंसा पर न्याय की अनोखा फैसला आया है. गोपालगंज के किशोर न्याय बोर्ड ने अपना जुर्म का इकबाल करने पर आरोपित को बुजुर्गों की सेवा करने का नायाब फैसला सुनाया है.
किशोर ने स्वीकारा जुर्म
किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान दंडाधिकारी नीलेश भारद्वाज व सदस्य मंजेश तिवारी के पीठ ने सुनवाई के दौरान किशोर को हिंसक मारपीट में संलिप्त पाया. किशोर ने भी अपना जुर्म कबूल किया. उसके बाद कोर्ट ने सजा के रूप में सात दिनों तक बुनियाद केंद्र में जाकर सात बुजुर्गों की सेवा करने और उसका रिपोर्ट पीठ के समक्ष उपलब्ध कराने का आदेश दिया. 26 अगस्त 2023 को मांझा थाना क्षेत्र में पड़ोसी के साथ हुई मारपीट की घटना में उसके द्वारा मारपीट की गयी थी. दो साल से चल रहे इस कांड में बोर्ड का निर्णय आया. इस फैसला की चर्चा पूरे इलाके में होती रही.
महावीरी अखाड़ा में हमला करने पर एक हजार का जुर्माना
मांझा में हुए महावीरी अखाड़ा जुलूस पर हमला करने वाले किशोर को दोषी पाते हुए किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान दंडाधिकारी नीलेश भारद्वाज व सदस्य मंजेश तिवारी की पीठ ने एक हजार का जुर्माना देने का फैसला सुनाया. बोर्ड ने समाज में अपना जीवन सुधारने का एक मौका देते हुए यह निर्णय दिया. बोर्ड के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से लिखित शपथ पत्र भी दिया गया. 18 सितंबर 2017 को मांझा थाना क्षेत्र के महावीरी अखाड़ा के जुलूस में मस्जिद के पास किशोर व कुछ लोग ने कुर्सियों व रोड़े से हमला कर दिया. सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश किया. कांड की सुनवाई के दौरान पीठ के सामने किशोर ने अपना जुर्म कबूल किया और जीवन में कभी भी ऐसी गलती नहीं करने की शपथ ली. कोर्ट ने एक हजार का जुर्माना लगाकर उसे जीवन में सुधरने का एक मौका दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है