गोपालगंज/भोरे. मौसम के मिजाज ने किसानों की कमर को तोड़ दिया है. किसानों की गाढ़ी कमाई पर आफत बनकर बारिश आयी. हथुआ अनुमंडल में जहां मौसम ने तबाही मचा दी, वहीं गोपालगंज के नौ प्रखंडों में बादलों की आवाजाही के बीच गर्मी भी चरम पर रही.
तूफान की वजह से गिरे कई पेड़
गुरुवार की शाम को भोरे व विजयीपुर समेत जिले के पश्चिमांचल में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी. तेज हवा के साथ गिरे भारी ओलों ने खेतों में खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. गेहूं, सरसों, सब्जियों और अन्य फसलों पर इसका सबसे अधिक असर पड़ा है. किसान अब अपने उजड़े खेतों को देखकर हताश नजर आ रहे हैं. ओलावृष्टि के साथ आये तूफान की वजह से कई जगहों पर पेड़ गिर गये, जिससे रास्ते बाधित हो गये और यातायात व्यवस्था भी कुछ समय के लिए ठप रही. पूरा जनजीवन अस्त- व्यस्त होकर रह गया. उधर, मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि गुरुवार को अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री दर्ज किया गया. जबकि आर्द्रता 69 प्रतिशत तो पुरवा हवा 22 किमी के रफ्तार से चली. शुक्रवार से अब गर्मी भी सताने को तैयार है. प्रतिदिन पारा बढ़ता जायेगा. अगले सप्ताह तक पारा 39 पर पहुंचेगा.
सरकारी स्कूल पर गिरा विशाल पेड़, भवन को नुकसान
चकरवां खास में स्थित सरकारी स्कूल के भवन पर एक विशाल पेड़ गिर गया, जिससे स्कूल की बिल्डिंग को काफी नुकसान पहुंचा है. इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी असर पड़ने की आशंका जतायी जा रही है. इस प्राकृतिक आपदा ने सिर्फ फसलों को ही नहीं, बल्कि क्षेत्र में चल रहे छोटे उद्योगों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. भोरे में संचालित दीपक कुमार सिंह का डीपीएस फीड्स, डीपीएस लेयर और पोल्ट्री फार्म पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. फार्म की छत उड़ गयी और अंदर मौजूद पोल्ट्री बर्ड्स को भी नुकसान पहुंचा है. इससे न सिर्फ आर्थिक नुकसान हुआ है बल्कि श्रमिकों की आजीविका पर भी संकट मंडरा रहा है.
कई जगहों पर उखड़ गये बिजली पोल, बिजली संकट गहराया
तूफान की वजह से क्षेत्र के कई हिस्सों में बिजली के पोल उखड़ गये हैं, जिससे विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गयी है. रातभर अंधेरे में डूबे गांवों में लोग काफी परेशान रहे. बिजली विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर मरम्मत कार्य में जुटी है, लेकिन पूरी बहाली में समय लग सकता है. ग्रामीणों और किसानों ने प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने क्षति का आकलन शुरू कर दिया है और कहा है कि जल्द ही पीड़ितों को राहत पहुंचायी जायेगी. प्राकृतिक आपदाओं से जूझते ग्रामीणों को अब सरकारी मदद की उम्मीद है ताकि वे फिर से अपने जीवन को पटरी पर ला सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है