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21000 से कम नहीं हो मासिक मानदेय, पांच माह के बकाये का हो भुगतान, दो सूत्री मांगों को लेकर आशा ने दिया एक दिवसीय धरना

बरौली. गुरुवार को प्रखंड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आशा कार्यकर्ताओं के नारों से गूंज रहा था और वे चिलचिलाती धूप में अपनी मांगों को लेकर उद्वेलित होकर बिना गर्मी की परवाह किये नारे लगा रही थी.

बरौली. गुरुवार को प्रखंड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आशा कार्यकर्ताओं के नारों से गूंज रहा था और वे चिलचिलाती धूप में अपनी मांगों को लेकर उद्वेलित होकर बिना गर्मी की परवाह किये नारे लगा रही थी. यहां प्रखंड की सभी 115 आशा तथा 10 आशा फैसिलिटेटर उपस्थित थी. आशा का कहना था कि हम 24 घंटे ड्यूटी पर रहते हैं, जब जरूरत पड़ती है, तो अस्पताल में उपलब्ध रहते हैं. बावजूद इसके हमारा मानदेय सम्मानजनक और ड्यूटी के अनुरूप नहीं है. अब तक सभी आशा तथा आशा फैसिलिटेटर को एक हजार रुपया प्रोत्साहन मिलता है और आशा फैसिलेटर को 21 दिनों की ड्यूटी के पांच-पांच सौ रुपये दिये जाते हैं. आशा ने अपनी आवाज उठाते हुए सीएम नीतीश कुमार तथा पीएम मोदी से मांग की कि सभी लोगों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 21 हजार रुपये दिये जाएं ताकि वे अपना परिवार चला सकें. आशा की दूसरी मांग उनके पांच माह से बकाया मानदेय को लेकर थी. आशा ने बताया कि पिछले पांच माह से मानदेय बकाया है. हमारा परिवार है, हमारे भी खर्चे हैं, अगर पांच मई तक हमारा मानदेय नहीं मिला और सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो हम उसके अगले दिन से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे. धरना देने वाली आशा में अध्यक्ष संगीता देवी, सचिव बबीता देवी, आशा फैसिलिटेटर गुड्डी देवी, आशा राय, पुष्पा देवी, रंजू देवी, सीमा देवी, शिखा सिंह, मंजूषा कुमारी, अमिरूल नेशा, फातमा खातून, कदीरन खातून, शकीना खातून, प्रतिभा कुंवर, मीरा देवी सहित सभी आशा मौजूद थीं.

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